बिजली विभाग के 3 बैंक खाते फ्रीज:140 करोड़ वसूली मामले में बड़ी कार्रवाई

रांची में 140 करोड़ रुपये की वसूली मामले में Commercial Court के निर्देश पर बिजली विभाग के तीन बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए. मामला 15 वर्षों से लंबित था.


रांची: रांची में 15 वर्षों से लंबित 140 करोड़ रुपये की बकाया राशि की वसूली को लेकर मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की गई. Commercial Court के आदेश पर बिजली विभाग (Power Department) के तीन बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए. कार्रवाई सिविल कोर्ट रांची के नाजिर मो जीशान इकबाल के नेतृत्व में की गई.

इससे पहले Commercial Court के स्पेशल जज रवि नारायण की अदालत ने Commercial Execution Case नंबर 98/2025 की सुनवाई करते हुए बिजली विभाग के बैंक खातों को फ्रीज करने का निर्देश दिया था. ये तीनों खाते क्लब साइड मेन रोड, रांची स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में हैं.


Key Highlights (4–6 points)

  • 15 वर्षों से लंबित 140 करोड़ रुपये की वसूली के मामले में बड़ी कार्रवाई.

  • Commercial Court के आदेश पर बिजली विभाग के तीन बैंक खाते फ्रीज.

  • नाजिर मो जीशान इकबाल की टीम ने बैंक ऑफ इंडिया, क्लब साइड रोड शाखा में कार्रवाई की.

  • Crystal Computer Informatics Center Pvt. Ltd. ने 2014 में Arbitration केस दायर किया था.

  • बिजली विभाग ने 2002–2010 के सेवा कार्यों का भुगतान नहीं किया था.

  • 2015 में दिए गए आदेश के बावजूद अब तक भुगतान नहीं हुआ, जिसके बाद Execution केस दायर.


कैसे शुरू हुआ विवाद

यह मामला थड़पखना स्थित फर्म Messrs Crystal Computer Informatics Center Pvt. Ltd. से जुड़ा है. फर्म के संचालक दिनेश्वर पांडेय ने 2014 में झारखंड माइक्रो स्मॉल इंटरप्राइजेज फैसिलिटेशन काउंसिल में Arbitration केस दर्ज कराया था.

बिजली विभाग ने वर्ष 2002 में Crystal Computer Informatics को उपभोक्ताओं से संबंधित सेवाएं प्रदान करने के लिए एजेंट के रूप में नियुक्त किया था. फर्म को मीटर रीडिंग, मीटर सर्विलेंस, बिजली बिल तैयार करना और उपभोक्ताओं तक वितरण जैसे कार्य सौंपे गए थे.

Crystal Computer Informatics ने 2002 से 2010 तक विभाग के निर्देश पर सेवाएं प्रदान कीं, लेकिन विभाग ने तय पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया.

2015 का आदेश, फिर भी भुगतान नहीं

चार फरवरी 2015 को फैसिलिटेशन काउंसिल ने फर्म के पक्ष में आदेश जारी करते हुए बिजली विभाग को 140 करोड़ 80 लाख 29 हजार 113 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था.

लेकिन लगभग एक दशक बीत जाने के बाद भी विभाग ने आदेश का पालन नहीं किया. भुगतान न होने पर फर्म ने सिविल कोर्ट, रांची में Recovery के लिए Execution मुकदमा दायर किया.

इसके बाद कोर्ट ने बकाया राशि की वसूली सुनिश्चित करने के लिए बिजली विभाग के बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया.

अगली कार्रवाई पर निगाहें

खाते फ्रीज होने के बाद अब यह देखा जाएगा कि बिजली विभाग 140 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि का भुगतान कैसे और कब करेगा. फर्म की ओर से कहा गया है कि लंबे समय से न्याय की प्रतीक्षा के बाद आखिरकार अदालत की सख्त कार्रवाई से उम्मीद जगी है.

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