रांची : चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की याचिका पर
झारखंड हाई कोर्ट में जस्टिस अखिलेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई.
अदालत ने सीबीआई से 11 मार्च को ही काउंटर एफिडेविट जमा करने को कहा था,
लेकिन सीबीआई ने अभी तक एफिडेविट कोर्ट में सबमिट नहीं किया.
जिसके बाद अदालत ने सीबीआई को एफिडेविट जमा करने के लिए 1 सप्ताह का वक्त दिया है.
अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी.
वहीं लालू प्रसाद यादव के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि
उन्होंने आधे से ज्यादा 11 महीने की सजा काट चुकें हैं. इसलिए उन्हें जमानत दे देनी चाहिए.
22 अप्रैल को होगी सुनवाई
बता दें कि बहुचर्चित चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये के अवैध निकासी के मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जहां अदालत ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के मामले पर 22 अप्रैल को सुनवाई करेगी. सीबीआई की विशेष अदालत से 5 साल की जेल और 60 लाख रुपए जुर्माना की सजा मिलने के बाद लालू प्रसाद के समर्थकों और परिजनों की नजर हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई है.
पांच साल की सजा काट रहे हैं लालू
लालू यादव चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में पांच साल की सजा काट रहे हैं. उन्हें बिरसा मुंडा होटवार जेल में रहना था, लेकिन कई बीमारियों के चलते उन्हें 14 फरवरी 2022 से ही रांची रिम्स के पेइंग वार्ड में रखा गया है.
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी का है मामला
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में 21 फरवरी को सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए लालू समेत चार दोषियों को अधिकतम 5 साल की सजा सुनाई है. इससे पहले भी उन्हें चारा घोटाला के अन्य चार मामले में उन्हें सजा दी गई है. उन सभी मामले में उन्होंने हाईकोर्ट में अपील दायर की है. सभी मामले में हाई कोर्ट ने उन्हें आधी सजा काटने के आधार पर जमानत दिया है. उन्हें एक मामले में 7 वर्ष की सजा दी गई है उस सजा में भी वे आधी सजा काट चुके हैं. ऐसे में इस मामले में उन्हें 5 वर्ष की सजा दी गई है.
रिपोर्ट : प्रोजेश दास