Thursday, July 3, 2025

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आंदोलन से डरे शी जिनपिंग, बीजिंग और शंघाई में बढ़ी सुरक्षा

बीजिंग : आंदोलन से डरे शी जिनपिंग- चीन में लगातार हो रहे आंदोलन से ऐसा लगता है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग डर गये हैं. जिसके बाद बीजिंग और शंघाई में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बीजिंग से लेकर शंघाई तक...

बीजिंग : आंदोलन से डरे शी जिनपिंग- चीन में लगातार हो रहे आंदोलन से ऐसा लगता है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग डर गये हैं. जिसके बाद बीजिंग और शंघाई में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बीजिंग से लेकर शंघाई तक में हुए आंदोलनों ने शी जिनपिंग सरकार को हिला कर रख दिया है. दुनिया भर में इन प्रदर्शनों के चलते चीन एक तानाशाही मुल्क के तौर पर सामने आया है. ऐसे में चीन सरकार अब अपने रवैये में सुधार की बजाय आंदोलनकारियों पर ही शिकंजा कसने में जुट गई है.आंदोलन से डरे शी जिनपिंग: चीन में जनता के पास विरोध करने के कोई अधिकार नहींशी जिनपिंग के चीन में जनता के पास विरोध करने के कोई अधिकार नहीं होते हैं. आंख बंद कर हर बात को मानना, कभी किसी बात पर विरोध दर्ज ना करवाना, चीन की राजनीति में लोगों से सिर्फ इसी रवैये की उम्मीद की जाती है. लेकिन समय के साथ चीन की जनता जागरूक भी हुई है और अपने अधिकारों के प्रति सजग भी. कोरोना काल में तो जमीन पर लोग अपनी ही सरकार के खिलाफ सक्रिय हो गए हैं. पहली बार राष्ट्रपति भी निशाने पर आ रहे हैं और वहां की सरकार पर भी सवाल दागे जा रहे हैं.जनता ने शी जिनपिंग को दिखाया आईनाआंकड़े बताते हैं कि अकेले 2022 में ही 22 ऐसे मौके सामने आए हैं जब चीन सरकार के खिलाफ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. ज्यादातर मौकों पर सरकार की कोरोना नीति को लेकर प्रदर्शन किए गए. जीरो कोविड पॉलिसी कई लोगों को समझ से परे लग रही है, इस समय क्योंकि मामले भी फिर विस्फोटक रफ्तार से बढ़ने लगे हैं, ऐसे में गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. सरकार जरूर इन विरोध प्रदर्शन को स्वीकार करने से मना करती है. कई मौकों पर तो इन्हें छिपाने की भी पूरी कोशिश की जाती है, लेकिन इसी साल 22 ऐसे मामले सामने आ गए हैं जहां शी जिनपिंग को भी जनता ने आईना दिखाने का काम किया हैआंदोलन से डरे शी जिनपिंग: कोरोना नीति का विरोधचीन के सनहे में कई लोगों ने सड़क पर उतर सरकार की कोरोना नीति का विरोध किया था. चीन में क्योंकि सख्त लॉकडाउन लगा रहा, इस वजह से लोग काम करने के लिए बीजिंग में भी एंट्री नहीं ले पा रहे थे. गुस्सा इतना ज्यादा था कि सड़क पर प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हो गई थी. बाद में सरकार को ही नियमों में छूट देनी पड़ी.