डिजिटल डेस्क : मिर्च की खेती से सालभर में यूपी के गाजीपुर के किसान ने कमाए 35 लाख। खाने में मिर्च अपने तीखेपन के लिए जाना जाता है लेकिन खेती में अगर किसान लगन से इसी मिर्च की सेवा करें तो किसानी वाली कमाई में मिर्च तीखी बढ़ोत्तरी देती है। इसका प्रमाण दिया है यूपी के गाजीपुर जिला के किसान ने ।
निजी कंपनी की नौकरी छोड़कर कृषि में आये और कृषि के क्षेत्र में स्वभाव के कारण नित नए प्रयोग करते रहे किसान दिवाकर राय ने सालाना 35 लाख रुपये की कमाई महज 12 बीघे में बोए मिर्च से अर्जित किया तो कृषि विभाग वाले भी उनकी जानकारी जुटाने में लग गए।
अब दिवाकर की मिसाल देते हुए यूपी के कृषि विभाग भी बड़े ही उत्साह से बताते नहीं अघा रहे कि खेती किसानी को भले ही कुछ लोग घाटे वाला व्यवसाय कहते हैं, लेकिन सूझबूझ और आधुनिक तरीके से खेती कर आज भी लोग मालामाल हो सकते हैं। बस जरूरत है समय के साथ चलने और अत्याधुनिक तरीकों को अपनाने की।
गाजीपुर के किसान से जानिए मिर्च की खेती के बारे में…
कुल 12 बीघे में मिर्च की खेती से सालाना 35 लाख रुपये की आय अर्जित करने वाले पूर्वी यूपी के गाजीपुर जिला के किसान दिवाकर राय बताते हैं कि – ‘अगर समय से पहले उत्पादन किया जाय तो काफी लाभ होगा। हालांकि, इस क्रम में किसान को अपनी पूरी खेती का केवल आधा भाग ही पहले तैयार करना चाहिए और शेष भाग में कुछ दिनों बाद लगाना चाहिए।

…इस तरह की खेती की सोच से अन्य किसानों को भी प्रेरणा लेकर परंपरागत खेती को भी लाभदायक खेती बनाया जा सकता है। आम तौर पर हम लोगों की तरफ जब मिर्च तैयार होता है तो मिर्च का भाव गिर जाता है। ऐसे में किसानों को बहुत ज्यादा लाभ नहीं हो पाता है। इसलिए मैंने मिर्च की खेती एक महीने पहले करने को सोचा। इसके लिए सबसे बड़ी बाधा थी जून की तपती धूप में कैसे नर्सरी डाली जाए ?
…इसके लिए देशी जुगाड़ से नाममात्र के खर्च से नेटशेड लगाकर नर्सरी डाली और यह प्रयोग सफल रहा। 3 जून को डाली गई नर्सरी से 26 जुलाई को मिर्च के पौधे लगा दिए जो अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में तैयार हो गए’।

मिर्च की खेती में 12 बीघे से तीन माह में हुई लाखों की हुई कमाई का लेखा-जोखा भी जानें…
गाजीपुर के इन्हीं किसान दिवाकर राय ने बताया कि –‘… मिर्च की जो तोड़ाई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में या नवंबर के अंतिम सप्ताह में होती थी उसको मैंने 12 अक्टूबर से ही शुरू कर दिया। उस समय मिर्च का रेट 100 रुपए के आसपास था। उस वक्त उनके खेत में 15 क्विंटल प्रति एकड़ की पैदावार से 12 बीघे में से तैयार आठ बीघे में कुल 11 लाख रुपये के मिर्च हुए।
…दूसरी तोड़ाई 30 अक्टूबर से 17 नवंबर तक चली जिसमें मिर्च का रेट 72 से 91 रुपये तक था और उत्पादन लगभग 40 क्विंटल प्रति एकड़ थी। उसमें 10 लाख रुपए की आमदनी हुई। तीसरी तोड़ाई 27 दिसंबर से शुरू हुई और 75 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से लगभग आठ लाख रुपये की मिर्च बेची। वहीं अभी उनके खेत में करीब 250 क्विंटल मिर्च खेत में पड़ी हुई है’।

मिर्च की खेती से कमाई के साथ ही उपज लेने की अवधि बढ़ाने का रिकार्ड बनाने की है तैयारी…
गाजीपुर के करईल इलाके में शुमार भांवरकोल के अवथही निवासी किसान दिवाकर राय ने स्वाद में तीखी लगने वाली मिर्च पर अपना प्यार और जुगाड़ वाली सोच को न्यौछावर कर बदले में कमाई का रिकार्ड बनाने के बाद अब नया रिकार्ड बनाने को अग्रसर हैं। उनकी सोच इसके उपज की अवधि की बढ़ाना है। बकौल दिवाकर – ‘…अगर मौसम ने साथ दिया और उचित प्रबंधन करने में सफल रहा तो 15 अप्रैल तक मिर्च का उत्पादन लिया जा सकेगा’।
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