रांची: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हालिया आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसी बीच केंद्र सरकार ने देशभर में नागरिक सुरक्षा की तैयारियों को परखने के लिए 7 मई को बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल कराने का निर्देश दिया है। देश के 244 जिलों में एक साथ यह मॉक ड्रिल आयोजित होगी, जो 1971 के युद्ध के बाद सबसे बड़ी राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा कवायद मानी जा रही है।
झारखंड में रांची, बोकारो, पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर), गोड्डा और साहेबगंज जिलों में यह मॉक ड्रिल आयोजित की जायेगी। इसके अलावा बोकारो जिले के गोमिया में भी नागरिक सुरक्षा के तहत विशेष ड्रिल की जायेगी। बिहार में पटना, कटिहार, पूर्णिया, बरौनी और बेगुसराय में यह अभ्यास होगा। राज्यों के प्रशासनिक अमले ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं और स्थानों का चयन कर लिया गया है।
सूत्रों के अनुसार मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले के सायरन बजाए जायेंगे, नागरिकों को आपातकालीन प्रशिक्षण दिया जायेगा, ब्लैकआउट प्रोटोकॉल लागू किये जायेंगे और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ाई जायेगी। साथ ही, जनसंख्या वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना का भी अभ्यास होगा। इसका मकसद नागरिकों में सतर्कता बढ़ाना और किसी भी खतरे की स्थिति में तेज और असरदार जवाबी कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
पहलगाम कांड : देश के 244 जिलों में एक साथ यह मॉक ड्रिल आयोजित होगी
उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों समेत 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने के संकेत दिए हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया, सिंधु नदी का पानी रोकने का निर्णय लिया और दोनों देशों के बीच व्यापार को पूरी तरह बंद कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर सेना के तीनों प्रमुखों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं और सेना को हर जरूरी कार्रवाई की खुली छूट दे दी गई है। साथ ही, सरकार ने सर्वदलीय बैठक कर विपक्ष का भी भरोसा हासिल किया है। विपक्ष ने इस मसले पर सरकार को पूरा सहयोग देने का ऐलान किया है।
माना जा रहा है कि 7 मई को होने वाली यह मॉक ड्रिल भारत की रणनीतिक तैयारियों का अहम हिस्सा है, जिससे देश किसी भी स्थिति का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार दिखाना चाहता है।
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