Desk. मानसून सत्र को लेकर आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के अलावा कांग्रेस के जयराम रमेश और के सुरेश, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, राजद के अभय कुशवाहा, जदयू के संजय झा, आप के संजय सिंह, सपा नेता रामगोपाल यादव और राकांपा के प्रफुल्ल पटेल भी शामिल हुए। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी सांसदों से आग्रह किया है कि जब कोई साथी सदस्य सदन में बोल रहा हो तो हस्तक्षेप करने से बचें।
मानसून सत्र को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक
वहीं सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने संवाददाताओं से कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपील की कि हम लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और जब कोई सदस्य संसद में बोलता है, तो हमें हस्तक्षेप और बाधा नहीं डालनी चाहिए। विशेष सत्र में जब पीएम मोदी राष्ट्रपति को धन्यवाद प्रस्ताव पर संबोधित कर रहे थे, तो लोकसभा और राज्यसभा दोनों में इसे बाधित किया गया था। राजनाथ सिंह जी ने आज अपील की है कि यह संसदीय लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। जब पीएम बोल रहे हों तो सदन और देश को उसे सुनना चाहिए।
वहीं रिजिजू ने मानसून सत्र से पहले अच्छे सुझाव देने के लिए सभी दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हमने सभी फ्लोर लीडर्स से सुझाव ले लिये हैं। संसद को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी दोनों की है – जो सरकार में हैं और जो विपक्ष में हैं। वहीं जयराम रमेश ने कहा कि जेडी (यू) और वाईएसआरसीपी ने क्रमशः बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की, लेकिन अजीब बात है कि टीडीपी इस मामले पर चुप रही।
वहीं बीजद नेता सस्मित पात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी ने ओडिशा के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है। मानसून सत्र हंगामेदार रहने वाला है और एकजुट विपक्ष एनईईटी पेपर लीक मामले से लेकर रेलवे सुरक्षा जैसे मुद्दों पर एनडीए सरकार को घेरने की कोशिश में है। बता दें कि मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है और 12 अगस्त तक 19 बैठकें होंगी। इस दौरान सरकार द्वारा छह विधेयक पेश करने की उम्मीद है, जिसमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने वाला विधेयक भी शामिल है।