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Dhanbad : हाल के दिनों में झारखंड समेत कई राज्यों में SIR (Special Intensive Revision) को लेकर राजनीतिक हलचल देखी जा रही है। विपक्षी दल इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं, जबकि प्रशासन का कहना है कि यह सिर्फ मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए की जाने वाली नियमित प्रक्रिया है। SIR के मुद्दे पर बड़कागांव की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
लोकतंत्र के मूल ढांचे के लिए खतरा :
बड़कागांव की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने SIR (Special Intensive Revision) के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र के मूल ढांचे के लिए खतरा है।
विपक्षी वोटरों को सूची से हटाने की साजिश :
अंबा प्रसाद ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार SIR प्रक्रिया के नाम पर मतदाता सूची में फेरबदल की योजना बना रही है। उनके मुताबिक यह कदम उन मतदाताओं को बाहर करने की कोशिश है जो विपक्षी दलों को वोट देते हैं। उन्होंने कहा कि यह केंद्र की राजनीतिक साजिश है, जिसके जरिए लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की कोशिश की जा रही है।
पूर्व विधायक ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा झारखंड सहित कई राज्यों में SIR लागू किया जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र विरोधी कदम बताया और कहा कि जनता को अपने मताधिकार की रक्षा के लिए जागरूक रहना होगा।
रिपोर्टः अनिल पांडे