डिजिटल डेस्क : Artificial Intelligence Sector में विदेशों में पेशेवरों की भारी कमी। तेजी से पूरी दुनिया में तकनीक के क्षेत्र में धूम मचा रहे Artificial Intelligence के Sector में विदेशों में कुशल पेशेवरों की भारी कमी देखने को मिल रही है।
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भारत में Artificial Intelligence को जानने-सीखने को उत्साही युवाओं-पेशेवरों से इतर विदेशों में हालात कुछ अलग हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिका में 2027 तक दो में से एक एआई नौकरी का पद खाली रह सकता है।
अगले दो वर्षों में अमेरिका में एआई नौकरी की मांग 13 लाख से अधिक हो सकती है, जबकि आपूर्ति 6.45 लाख से कम होने का अनुमान है। यानी अमेरिका में सात लाख कर्मचारियों को कौशल प्रदान करने की जरूरत होगी।
इसी तरह ब्रिटेन में 2027 में 2.55 लाख एआई नौकरियों के लिए केवल 1.05 लाख कर्मचारी उपलब्ध होंगे। ऑस्ट्रेलिया में भी 60,000 से अधिक एआई पेशेवरों की कमी की आशंका है।
जर्मनी में AI पेशेवरों की भारी कमी
AI (Artificial Intelligence) के पेशेवरों के लिहाज से वैश्विक स्थिति का आकलन पर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी पश्चिमी देशों में भारत की तुलना में कहीं ज्यादा संकट है।
AI पेशेवरों को लेकर जहां भारत में सरकार संजीदा और AI पेशेवरों के स्किल्ड मैन पॉवर को बढ़ाने पर फोकस है ताकि आने वाले समय में वक्त की जरूरत के हिसाब से अपना देश कदमताल करते हुए आगे बढ़े लेकिन ठीक उसी समय इस विधा के जानकारों की कमी वाले संकट से पश्चिमी देशों का जूझना चौंकाने वाला है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जर्मनी में एआई प्रतिभाओं की सबसे अधिक कमी आ सकती है, जहां 2027 तक एआई से जुड़ीं करीब 70 फीसदी नौकरियां खाली रह जाएंगी। 2027 में 1.90 से 2.19 लाख नौकरियों के लिए सिर्फ 62,000 एआई पेशेवर उपलब्ध होंगे।

AI का वैश्विक केंद्र बनने की राह पर भारत
मोटे तौर पर दुनिया भर में नई तकनीक क्रांति के रूप में धूम मचा रहे Artificial Intelligence के Sector में भारतीय युवाओं एवं पेशेवरों के लिए खुशखबरी है। वजह यह कि इस Artificial Intelligence Sector में आने वाले दो वर्षों में नौकरियों की बहार होगी।
ढूंढ़ने पर जानकार पेशेवर नहीं मिलने वाले। यह स्थिति न केवल भारत में बल्कि दुनिया अन्य अग्रणी देशों में भी देखने को मिलने की संभावना जताई जा रही है। अगले 2 साल में इस क्षेत्र में 23 लाख नई नौकरियों की राह खुलने की उम्मीद जताई गई है।
Artificial Intelligence Sector में दक्ष युवाओं यानि स्किल्ड युवाओं के वर्क फोर्स के चलते दुनिया भर में भारत की चांदी होने वाली स्थिति बनने की उम्मीद है। बशर्ते कि यहां के युवाओं को AI में प्रशिक्षित किया जा सके।
बेन एंड कंपनी ने नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का AI क्षेत्र 2027 तक 23 लाख नौकरियों के अवसरों से आगे निकल सकता है। हालांकि, उस समय तक AI कुशल पेशेवरों की संख्या करीब 12 लाख ही रहने का अनुमान है।

इसका मतलब है कि देश को 10 लाख से अधिक AI पेशेवरों को नए सिरे से सक्षम बनाना होगा। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि AI विशेषज्ञता की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत को मौजूदा प्रतिभाओं को फिर से प्रशिक्षित करने के साथ उन्हें बेहतर कौशल से लैस करना होगा।
इससे न सिर्फ कुशल पेशेवरों की संख्या में इजाफा होगा, बल्कि AI को अपनाने में भी तेजी आएगी।
भारत में बैन एंड कंपनी के साझेदार सैकत बनर्जी ने दावा किया है कि – ‘…भारत के पास वैश्विक AI प्रतिभा केंद्र के रूप में स्थापित करने का एक अनूठा अवसर है।…साल 2027 तक AI क्षेत्र में नौकरियों के अवसर प्रतिभा की उपलब्धता के मुकाबले 1.5-2.0 गुना होने की उम्मीद है।’

2019 के बाद से AI से जुड़ी नौकरियों में आया उछाल
इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में 2019 के बाद से AI से जुड़ी नौकरियों में उछाल आया है। यह हर साल 21 फीसदी की दर से बढ़ रही है। इस अवधि में AI पेशेवरों का वेतन भी सालाना 11 फीसदी बढ़ा है।
हालांकि, मांग में तेजी और आकर्षक वेतन के बावजूद योग्य AI पेशेवरों की आपूर्ति में इजाफा नहीं हुआ है। इससे दुनियाभर में प्रतिभाओं के बीच अंतर लगातार बढ़ रहा है, जिससे AI को अपनाने की रफ्तार धीमी होती जा रही है।
भारत में बैन एंड कंपनी के साझेदार सैकत बनर्जी ने कहा कि –‘…AI पेशेवरों की कमी को दूर करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।
…इसमें कंपनियों को भर्ती के पारंपरिक तौर-तरीकों से हटकर देखने और आंतरिक प्रतिभा को विकसित करने के लिए निरंतर कौशल विकास पहल को प्राथमिकता देनी होगी।’