Ranchi : राज्य सरकार के द्वारा JSSC CGL परीक्षा को देखते हुए दो दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद किये जान के बाद झारखंड में सियासत गर्म हो गई है। इस निर्णय को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हेमंत सरकार द्वारा झारखंड में दो दिनों तक सुबह 8 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक इंटरनेट बंद किए जाने का निर्णय अव्यवहारिक और हास्यास्पद है।
JSSC CGL : लोगों के काम-धंधे राज्य की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी
बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि हेमंत जी, JSSC CGL परीक्षा में परीक्षा देने के लिए कई राज्यों के अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। इंटरनेट बंद कर देने के फैसले के बाद दूसरे राज्यों से आए अभ्यर्थियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इंटरनेट हमारी दैनिक दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुका है।
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बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर बैंकिंग कार्यों तक, सरकारी दफ्तरों से लेकर गांवों के प्रज्ञा केंद्रों तक…स्कूल, कचहरी, अस्पताल, मकान, दुकान, सड़क यातायात, रेल सेवा, हवाई सेवा, इंटरनेट हर जगह की जरूरत बन चुका है। आपके द्वारा इंटरनेट बंद किए जाने के निर्णय से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों के काम-धंधे प्रभावित हो रहे हैं, राज्य की अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है।
JSSC CGL : लोगों के घरों से बाहर निकलने पर ही पाबंदी लगा दीजिए
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि हेमंत जी, सिर्फ इंटरनेट पर ही पाबंदी क्यों लगा रहे हैं ? लोगों के घरों से बाहर निकलने पर ही पाबंदी लगा दीजिए, बाजार बंद करा दीजिए, कर्फ्यू की घोषणा कर दीजिए। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए बिना पूर्व सूचना के अचानक से देर रात इंटरनेट बंद करने का मूर्खतापूर्ण फैसला वापस लीजिए। जनता समझ चुकी है कि आपके पास कदाचारमुक्त परीक्षा कराने की क्षमता ही नहीं है।
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याद रखिए, जिन सलाहकारों की वजह से आप 5 माह के होटवार प्रवास से वापस आए हैं, वही सलाहकार आपको जगहंसाई का पात्र बनाने और आपसे एक के बाद तुग़लकी फ़ैसले करवा कर आपको रसातल में पंहुचाने पर तुले हुए हैं। आपसे अनुरोध है कि JSSC CGL परीक्षा का पेपर लीक रोकने के नाम पर इंटरनेट बंदी के बेतुके और असंवैधानिक तुगलकी फरमान को अविलंब वापस लीजिए।