पटना : बिहार सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है। राज्य की राजनीति में लंबे समय से चर्चा में रही डोमिसाइल नीति को लेकर अब सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार ने बड़ा फैसला ले लिया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने इस फैसले की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर दी। उन्होंने बताया कि अब सरकारी स्कूलों में 15 हजार पदों पर भर्ती की जाएगी और इसमें डोमिसाइल नीति को लागू किया जाएगा। इसका सीधा मतलब है कि अब इन नौकरियों में बिहार के स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
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डोमिसाइल नीति का मतलब राज्य में सरकारी नौकरी या शिक्षा में कुछ सीटें सिर्फ उस राज्य के स्थायी निवासियों के लिए आरक्षित हों
आपको बता दें कि डोमिसाइल नीति का मतलब होता है कि किसी राज्य में सरकारी नौकरी या शिक्षा में कुछ सीटें सिर्फ उस राज्य के स्थायी निवासियों के लिए आरक्षित हों। इसका मकसद यह होता है कि उस राज्य के युवाओं को बाहरी प्रतियोगियों से राहत मिले और उन्हें नौकरी के बेहतर अवसर मिलें। बिहार में लंबे समय से युवा इस नीति की मांग कर रहे थे। कई युवाओं का मानना है कि बाहर से आने वाले उम्मीदवारों के कारण उन्हें अपने ही राज्य में नौकरी नहीं मिल पा रही थी।
पटना में कई छात्रों ने इस नीति को लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था
बीते कुछ महीनों में पटना में कई छात्रों ने इस नीति को लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। वे लगातार सरकार पर दबाव बना रहे थे कि बिहार में रोजगार के सीमित अवसरों को बाहरी लोगों से बचाया जाए। इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से भी तूल मिला, जब राजद ने वादा किया कि अगर वह सरकार में आए तो 100 फीसदी डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी। मगर नीतीश सरकार के इस ऐलान के बाद विपक्ष की रणनीति को झटका लग सकता है, क्योंकि सरकार ने पहले ही इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है।
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