रांची: राज्य सरकार ने डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई जारी रखने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने छात्र हित को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है।
गुरुवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार और झारखंड अधिविध परिषद के अध्यक्ष और सचिव के साथ हुई बैठक में राज्य के अंगीभूत एवं डिग्री संबद्ध महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
राज्य सरकार के इस फैसले से न केवल राज्य के डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई की चाहत रखने वाले विद्यार्थियों को राहत मिली है बल्कि शिक्षकों की भी चिंता दूर हो गई है।
गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति और यूजीसी गाइडलाइन के बाद इस साल से डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई समाप्त करने का निर्णय लिया गया था, जिसके बाद सभी विश्वविद्यालयों के द्वारा कॉलेजों को चिट्ठी भेजकर इंटरमीडिएट में नामांकन पर पाबंदी लगा दी गई थी।
सरकार के इस फैसले के बाद छात्र जहां नामांकन के लिए परेशान थे, वहीं अभिभावक छात्रों के भविष्य को लेकर काफी चिंतित थे। इस साल जैक की मैट्रिक परीक्षा में करीब 4 लाख परीक्षार्थी सफल हुए हैं।
इन विद्यार्थियों को इंटरमीडिएट में नामांकन लेने में समस्या आ रही थी। जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंची थी। जिसके बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने छात्र हित को ध्यान में रखते हुए अंगीभूत एवं डिग्री संबद्ध महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट में विद्यार्थियों के नामांकन और पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया है।
शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने बताया कि इंटरमीडिएट में छात्रों को नामांकन में हो रही परेशानी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है और जल्द ही डिग्री कॉलेजों में पूर्व की भांति शैक्षणिक सत्र 2023-25 के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
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