मोतिहारी : मोतिहारी के अरेराज प्रखंड स्थित पिपरा गांव में पिछले दो दिनों से डेरा जमाए मगरमच्छ को पकड़ने में वन विभाग आखिरकार सफलता मिली है। बुधवार की आधी रात में वन विभाग ने बेतिया से आए पांच सदस्यीय टीम ने मगरमच्छ को कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ा। हालांकि, रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अरेराज डीएसपी रंजन कुमार दलबल के साथ मौजूद रहे और मगरमच्छ को पकड़ने में सहयोग किया। अरेराज के रेंज ऑफिसर नारायण लाल सेवक ने बताया कि पकड़े गए मगरमच्छ को डुमरियाघाट के पास गंडक नदी में छोड़ दिया गया है।
दरअसल, 13 अक्टूबर की रात्रि एक मगरमच्छ गांव में प्रवेश कर गया था और गांव में चहलकदमी कर रहा था। जिसे देख ग्रामीणों में दहशत फैल गया था। ग्रामीणों ने लाइट और मशाल जलाकर मगरमच्छ को भगाने की कोशिश की लेकिन मगरमच्छ गांव के तालाब में चला गया और उसी में अपना डेरा जमा लिया। ग्रामीणों ने वन विभाग और स्थानीय थाना को इसकी सूचना दी।एसडीओ तक इस बात की जानकारी पहुंची तो एसडीओ ने दो चौकीदार की प्रतिनियुक्त कर दिया। फिर 14 अक्टूबर से मगरमच्छ को पकड़ने का प्रयास शुरु हुआ। बेतिया से पांच सदस्यीय टीम बुलाई गई।
यह भी देखें :
आपको बता दें कि वन प्रमंडल पदाधिकारी राजकुमार शर्मा, रेंजर नारायण लाल सेवक, एसबीओ वसी अहमद, ओमप्रकाश पटेल और अन्य वन कर्मियों ने स्थानीय पुलिस प्रशासन के मदद से मगरमच्छ पकड़ने का प्रयास शुरू किया गया लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर बेतिया से आई टीम के सहयोग से मगरमच्छ को पकड़ने में सफलता मिली। पिपरा गांव से पकड़ा गया मगरमच्छ लगभग 10 फीट का बताया जा रहा है। अरेराज रेंज ऑफिसर नारायण लाल सेवक ने बताया कि मगरमच्छ गंडक नदी में आए बाढ़ में बहकर आया है। जब पानी कम होने लगा तो वह तालाब में फंस गया। मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़कर डुमरियाघाट में गंडक नदी में छोड़ दिया गया है।
यह भी पढ़े : गांव में घुसा मगरमच्छ, रात भर परेशान रहे ग्रामीण, सूचना के बाद भी वन विभाग बेखबर
सोहराब आलम की रिपोर्ट