पटना: बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसके सभी मतदान केंद्रों पर 1,200 से कम मतदाता हैं। मतदान केंद्रों पर लंबी कतारों को रोकने के लिए बिहार में 12,817 नए मतदान केंद्र जोड़े गए हैं। 24 जून के बिहार एसआईआर आदेश के अनुसार पहले निर्धारित 1,500 मतदाता प्रति मतदान केंद्र की सीमा को संशोधित कर 1,200 मतदाता प्रति मतदान केंद्र कर दिया गया था। 12,817 नए मतदान केंद्रों को जोड़ने के बाद, बिहार में मतदान केंद्रों की कुल संख्या पहले के 77,895 से बढ़कर 90,712 हो जाएगी। बिहार की इस बड़ी उपलब्धि का अनुसरण अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा भी किया जाएगा।
SIR में अप्राप्त मतदाताओं के प्रपत्र की सूची राजनीतिक दलों के बीच वितरित
सीईओ/डीईओ/ईआरओ/बीएलओ ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन 29.62 लाख मतदाताओं की विस्तृत सूची साझा कर दी है जिनके फॉर्म अब तक चुनाव आयोग को प्राप्त नहीं हुआ है। चुनाव आयोग के अनुसार करीब 43.93 लाख ऐसे मतदाता हैं जो अपने पते पर नहीं मिले हैं। चुनाव आयोग ने सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपने जिलाध्यक्षों और लगभग 1.5 लाख बीएलए के माध्यम से इन शेष मतदाताओं से जुड़ें।
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यह सुनिश्चित करने के लिए है कि राजनीतिक दलों सहित पूरी चुनाव मशीनरी एक मिशन मोड में एक साथ काम करे ताकि 01 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली मसौदा मतदाता सूची से कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए। 1 अगस्त से जनता का कोई भी सदस्य एसआईआर आदेश के अनुसार मसौदा मतदाता सूची में किसी भी जोड़/हटाने/सुधार के लिए आपत्ति दर्ज करा सकता है।
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