रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आखिरकार अपने उम्मीदवार का चेहरा ढूंढ ही लिया। बरहेट (एसटी) विधानसभा क्षेत्र में गमालियल हेम्ब्रम को टिकट देकर भाजपा ने मानो यह संदेश देने की कोशिश की है कि “हम भी मैदान में हैं, भले ही सालों से हारते आ रहे हों।”
बरहेट, जिसे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का किला माना जाता है, में 20 नवंबर को होने वाली वोटिंग के लिए भाजपा ने अपनी बोट पर चढ़ाई कर दी है। हेमंत सोरेन, जो 2014 से इस सीट पर राज कर रहे हैं, के खिलाफ भाजपा की चुनौती कितनी कारगर होगी, यह तो केवल समय ही बताएगा।
इतिहास को देखें तो बरहेट की जंग कभी भाजपा की रही नहीं। इस सीट पर भाजपा का कभी जादू नहीं चला। झारखंड पार्टी के बाबूलाल टुडू से लेकर कांग्रेस के थॉमस हांसदा तक, सबने यहां अपनी छाप छोड़ी है। लेकिन भाजपा की टिकट पर गमालियल हेम्ब्रम का नाम सुनकर तो ऐसा लगता है जैसे भाजपा ने “खोया हुआ” गमालियाल वापस पा लिया हो।
क्या भाजपा इस बार हेमंत सोरेन के किले को भेद पाएगी, या फिर यह सिर्फ एक और चुनावी कहानी बनकर रह जाएगा? आगामी चुनाव में सबकी नजरें बरहेट पर रहेंगी, जहां चुनावी राजनीति का यह नया चश्मा हेमंत सोरेन के लिए एक नया अध्याय लिखने की तैयारी में है।
तो, क्या भाजपा की नई रणनीति काम करेगी? शायद, जब तक कि उन्हें अपनी हार का कोई नया बहाना न मिल जाए!