Thursday, July 31, 2025

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BJP ने हरियाणा में बढ़ाई Congress की चिंता, कुमारी सैलजा को दिया सियासी ऑफर

डिजीटल डेस्क : BJP ने हरियाणा में बढ़ाई Congress की चिंता, कुमारी सैलजा को दिया सियासी ऑफर। हरियाणा में अपना सत्ता का वनवास खत्म करने का सपना संजोए Congress नेतृत्व की माथे पर ऐन चुनावी माहौल पर चिंता की लकीरें खिंच गई है।

इसकी सबसे बड़ी वजह पार्टी की दलित नेत्री कुमारी सैलजा की नाराजगी भरी चुप्पी और चुनाव माहौल में अपने संगठन में दरकिनार चल रही मौन सैलजा को BJP की ओर से मनोहर लाल की ओर दिया गया सियासी ऑफर है।

हरियाणा के पूरे सियासी माहौल और जारी चुनावी समीकरणों के बीच BJP के नए दांव से Congress नेतृत्व के माथे पर पसीना साफ दिखने लगा है। इसके पीछे की बड़ी वजह है – वजह है कुमारी सैलजा का सियासी कद और हरियाणा का चुनावी समीकरण।

सैलजा की नाराजगी Congress की परेशानी का सबब

एक तरफ कुमारी सैलजा की नाराजगी, दूसरी तरफ मनोहर लाल के सियासी ऑफर ने Congress की टेंशन बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि सैलजा अगर सच में नाराज हुईं तो 10 साल के सियासी वनवास को दूर करने में जुटी ग्रैंड ओल्ड पार्टी Congress को चुनावी में हरियाणावी झटका लग सकता है।

हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदान प्रस्तावित है। यहां Congress और BJP में सीधा मुकाबला है। विधानसभा चुनाव के बीच सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा की नाराजगी की वजह यह है कि टिकट बंटवारे में उन्हें तरजीह नहीं मिली।

Congress ने जिन 89 सीटों पर टिकट की घोषणा की है, उसमें से सैलजा गुट को सिर्फ 9 सीटों पर ही तवज्जो दी गई है जबकि भूपिंदर हुड्डा गुट को 72 और रणदीप सुरजेवाला गुट को 2 टिकट दिए गए हैं।

सैलजा ने हाल ही में मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी ठोकी थी, लेकिन हाईकमान ने इसमें कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई। उसके बाद से ही सैलजा Congress के चुनावी प्रचार-प्रसार की मुख्य धारा से गायब हैं। हाल ही में सैलजा ने Congress प्रभारी पर एक ही पक्ष के लिए काम करने का आरोप भी लगाया था।

यहीं नहीं, Congress ने हरियाणा को लेकर जब अपना मेनिफेस्टो जारी किया तो उसमें भी सैलजा नजर नहीं आईं। हालांकि, पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में उनका नाम जरूर शामिल है।

मनोहर लाल
मनोहर लाल

BJP की ओर से सैलजा को सधा हुआ सियासी ‘मनोहर’ ऑफर

Congress में अंदरखाने जारी जबरदस्त खींचतान को BJP के रणनीतिकार अपने लिए जमीनी स्तर पर लाभकारी इनपुट के रूप में ले रहे हैं। यह अनायास नहीं है कि हरियाणावी सियासत के मंजे खिलाड़ी माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुमारी सैलजा को खुल्लमखुल्ला ऑफर दे डाला है।

करनाल के घरौंडा में चुनाव प्रचार करने पहुंचे पूर्व सीएम मनोहर लाल ने कुमारी सैलजा को BJP में आने का ऑफर दिया।

मनोहर लाल ने कहा कि – ‘सैलजा को कांग्रेस में अपमानित किया जा रहा है। यह सभी दलित वर्गों का अपमान है। आज Congress के भीतर कुमारी सैलजा को गालियां दी जा रही हैं। उन्हें राजनीति के मैदान तक नहीं आने दिया जा रहा है।

मैं चाहूंगा कि सैलजा भाजपा में आए और यहां काम करें। हरियाणा में कांग्रेस के भीतर सिर्फ 2 लोगों की ही चल रही है। एक बाप और दूसरे बेटे की। बाप-बेटा मुख्यमंत्री पद के लिए एक दूसरे से ही लड़ रहे हैं’।

कुमारी सैलजा
कुमारी सैलजा

हरियाणवी सियासत में Congress खेमे के लिए सैलजा फैक्टर की अहमियत को जानिए…

वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सियासी ऑफर और कुमारी सैलजा की नाराजगी के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या हरियाणा के चुनाव में Congress को यह भारी पड़ सकता है?

इस सवाल के मर्म को समझने के लिए हरियाणवी सियासत में कांग्रेस खेमे के लिए सैलजा फैक्टर की अहमियत को जानना जरूरी है। कुमारी सैलजा को राजनीति विरासत में मिली है। उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह Congress के दिग्गज नेता थे।

खुद सैलजा भी मनमोहन सरकार में मंत्री रही हैं और वर्तमान में सिरसा से सांसद हैं। वह अंबाला से भी चुनाव जीत चुकी हैं। Congress के भीतर कुमारी सैलजा की छवि एक दलित नेत्री की है।

हरियाणा में दलितों की आबादी करीब 20 फीसदी है और इस समुदाय के लिए विधानसभा की 90 में से 17 सीटें आरक्षित हैं। हाल के लोकसभा चुनाव में दलितों के वोट Congress को जमकर मिले थे और खुद कुमारी सैलजा भी बड़े अंतर से चुनाव जीती थीं।

उसके बाद से ही कयास लग रहे थे कि कुमारी सैलजा हरियाणा विधानसभा चुनाव में Congress खेमे की ओर से बड़ी भूमिका में होंगी। मिले चुनावी ब्योरे के मुताबिक, गत लोकसभा चुनाव में 68 प्रतिशत दलितों ने Congress के पक्ष में वोट किए, जो 2019 से करीब 40 प्रतिशत ज्यादा था।

अंबाला और सिरसा लोकसभा के अधीन विधानसभा की 20 सीटें हैं जहां पर कुमारी सैलजा की मजबूत पकड़ मानी जाती है। सैलजा अंबाला और सिरसा सीट से चुनाव जीत भी चुकी हैं। सैलजा के जिन 9 लोगों को टिकट दिया गया है, वो भी इसी इलाके से आते हैं।

पिछले चुनाव में अंबाला लोकसभा की 10 में से 5 सीटों पर Congress को जीत मिली थी। इसी तरह सिरसा की 10 में से सिर्फ 2 सीटों पर Congress को जीत मिली थी। यानी कुल 20 में से 7 सीटें ही Congress 2019 में जीत पाई थी।

इसी लिहाज से माना जा रहा है कि इस बार अगर कुमारी सैलजा नाराज होती हैं तो इसका असर और ज्यादा सीटों पर होना तय है। हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं, जहां सरकार बनाने के लिए कम से कम 46 विधायकों की जरूरत होती है।

पिछली बार वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में BJP को 40 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन तब निर्दलीय और जजपा विधायकों के सहारे BJP ने सरकार बना ली थी।

गत लोकसभा चुनाव के आंकड़ों को देखा जाए तो 90 में से 44 सीटों पर BJP, 42 पर Congress और 4 सीट पर आम आदमी पार्टी (आप) को बढ़त मिली थी।

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