रांचीः राज्य में भाषा विवाद का मामला गहराता जा रहा है. राज्य सरकार ने भारी विरोध पर 2 जिलों से भोजपुरी और मगही को हटा दिया. इस मामले में बीजेपी विधायक भानू प्रताप शाही ने ट्वीट कर हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सीएम पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है. भानू प्रताप शाही ने ट्वीट कर लिखा है कि सीएम हेमंत सोरेन बताएं कि राज्य में उर्दू कब से क्षेत्रीए भाषा बन गई. उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर उर्दू क्षेत्रीए भाषा है तो उसको राजकीय भाषा की सूची से कब हटा रहें हैं.
पलामू- गढ़वा में भोजपुरी और मगही को मिला स्थान
राज्य सरकार ने क्षेत्रीए भाषा की सूची में पहले भोजपुरी और मगही को जोड़ा फिर स्थानीय नेताओं के भारी विरोध पर 2 जिलों से उसे हटा दिया गया. अभी भी राज्य के 2 जिलों पलामू और गढ़वा में भोजपुरी और मगही को क्षेत्रीए भाषा का दर्जा मिला हुआ है. इतना सब होने के बावजूद भी भाषा विवाद का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है. अब भोजपुरी और मगही समाज के नेताओं ने सरकार के फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया है.
भाषा विवाद पर तुष्टीकरण कर रही हेमंत सरकार
भाषा विवाद का मामला अब उर्दू पर जा टिका है. बीजेपी के भानू प्रताप शाही ने कहा कि भाषा विवाद सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम है. सरकार में शामिल मंत्रियों को भोजपुरी और मगही भाषा बोलने वाले नहीं भाते हैं. उन्होंने उर्दू भाषा को लेकर भी जंग छेड़ दी है. विधायक ने कहा कि हेमंत सरकार बताएं कि राज्य में कहां उर्दू बोली जाती है. उन्होंने हेमंत सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि क्षेत्रीए भाषा से उर्दू को हटाकर दिखाएं. भाषा विवाद पर भोजपुरी और मगही मंच के अध्यक्ष ने भी हेमंत सरकार का विरोध करते हुए कहा कि चुनाव के समय जनता सबक सिखायेगी.
रिपोर्ट- मदन
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