रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली करारी हार के बाद पार्टी ने हार के कारणों की गहन समीक्षा शुरू कर दी है। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष रांची स्थित प्रदेश कार्यालय में बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। बैठक में प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र राय सहित सभी 68 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी, जिलाध्यक्ष, और चुनाव प्रभारी मौजूद हैं।
हार के कारणों पर चर्चा
बैठक का मुख्य उद्देश्य हार के कारणों का विश्लेषण करना है। इसमें प्रत्याशियों के सामने आई चुनौतियों, गठबंधन दलों की भूमिका, और मतदाताओं तक सही मुद्दे पहुंचाने में हुई खामियों पर चर्चा हो रही है। प्रत्याशियों से व्यक्तिगत फीडबैक लिया जा रहा है ताकि भविष्य की रणनीति को मजबूत किया जा सके।
आगामी रणनीति पर फोकस
बैठक में अगले पांच वर्षों तक बीजेपी के वोट बैंक को फिर से संगठित करने और विपक्ष की भूमिका निभाने की योजना पर चर्चा की जा रही है। इसके साथ ही पार्टी के सांगठनिक बदलाव के संकेत भी दिए जा रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष का चयन
बैठकों की इस शृंखला में एक महत्वपूर्ण विषय नेता प्रतिपक्ष के चयन का भी है। इस पर अंतिम निर्णय 3 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में लिया जाएगा। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल होंगे।
कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कवायद
पार्टी के भीतर कार्यकर्ताओं में चुनावी हार के बाद आई निराशा को दूर करने और उन्हें फिर से सक्रिय करने के लिए भी विचार-विमर्श हो रहा है। सदस्यता अभियान और केंद्र सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के प्रयासों को तेज करने की योजना बनाई जा रही है।
झारखंड में विपक्ष के तौर पर पार्टी को अपनी भूमिका को प्रभावी बनाने और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए यह समीक्षा बैठकें महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।