डिजिटल डेस्क : BLA की पाकिस्तान को दिए अल्टीमेटम की डेडलाइन आज दोपहर तक, लगी दुनिया की निगाहें। BLA (बलूच लिबरेशन आर्मी) की पाकिस्तान में ट्रेन को हाईजैक कर सैनिकों -अधिकारियों को बंधक बनाने की घटना के बाद दावों-प्रतिदावों का दौर जारी है।
Highlights
पाकिस्तान में जफर एक्सप्रेस के हाईजैक होने के बाद अब पाकिस्तान सरकार और BLA (बलूच लिबरेशन आर्मी) के दावों में भारी अंतर है। BLA ने 150 बंधकों की बात कही है जबकि पाकिस्तान सेना ने ऑपरेशन खत्म होने का दावा किया है।
ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या पाकिस्तान की सेना झूठ बोल रही है? इस बीच BLA की पाकिस्तान को दिए गए 48 घंटे के अल्टीमेटम की डेडलाइन आज दोपहर 1 बजे खत्म हो रही है।
BLA ने बलूच कैदियों को नहीं छोड़ने पर हाईजैक हुए ट्रेन में मौजूद सभी बंधकों को मारने की धमकी दी है। BLA ने अपने अल्टीमेटम में कहा है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो सभी 150 बंधक सैनिकों को मार देंगे। BLA ने पाकिस्तान की जेलों में बंद 241 बलोचों की रिहाई की मांग की है।
BLA ने दी हर घंटे 5 बंधक मारने की धमकी
BLA का दावा है कि उसने आम रेल पैंसेजर्स को बगैर नुकसान पहुंचाए रिहा किया है। BLA ने दावा किया है कि उसने पाकिस्तान के 60 सैनिक मार गिराए हैं और 150 सैनिक अब भी उसके कब्जे में हैं, जो 48 घंटे के अल्टीमेट के खत्म होने के बाद मार दिए जाएंगे।
BLA ने अपने बयान में कहा है कि – ‘…पाकिस्तान को अपने सैनिकों की फिक्र नहीं है। पाकिस्तान की तरफ से बातचीत की कोई कोशिश नहीं हुई है। हम जो कहते हैं वो करने का माद्दा रखते हैं।
…हमारे अल्टीमेटम की डेडलाइन खत्म होने के हर घंटे में हम 5 बंधक मारेंगे। एक बार हमने फैसला कर लिया तो वो नहीं बदलेगा। पाकिस्तान के पास भूल सुधारने का आखिरी मौका है।
…और पाकिस्तान प्रोपेगेंडा और फेक नैरेटिव चलाना बंद करे। हाईजैक हुए जाफर एक्सप्रेस में कुल यात्री थे 426 और उसमें से पाकिस्तानी सैनिक थे 214। अभी तक सकुशल रिहा किए गए यात्रियों की संख्या है 212।
…अब तक की कार्रवाई में कुल 60 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई है। अभी भी 150 पाकिस्तानी सैनिक बंधक हैं। साथ ही अब तक की कार्रवाई में पाकिस्तान के 63 से ज्यादा सैनिक घायल हुए हैं।’

क्वेटा में 200 से ज्यादा ताबूत लाने के दावे से घेरे में पाक
एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने क्वेटा रेलवे स्टेशन पर 200 से अधिक ताबूत लाए जाने का दावा किया है, जिससे संकेत मिलता है कि पूरी कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं।
कई पाकिस्तानी मीडिया के इंटरनेट मीडिया हैंडल पर ट्रेन में यात्रा करने वाले करीब 200 सुरक्षाबलों के जवानों की सूची जारी की गई थी, जिसके चलते ही हाईजैकिंग की आशंका जताई गई।
मानवाधिकार कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने एक बयान में बताया कि क्वेटा रेलवे स्टेशन पर 200 से ज्यादा ताबूत लाए गए हैं।
वहीं, पाकिस्तान सरकार का कहना है कि उसके सैनिकों ने सभी बलूच लड़कों को मार दिया है। बगैर किसी रेल यात्री के हताहत हुए ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचा दिया है। ऑपरेशन के दौरान उसने महज 4 सैनिकों को खोया है।
इसके अलावा 21 यात्रियों को मौत हुई है। कुल 25 लोगों की जान गई है। बाकी सभी सकुशल रिहा करा लिए गए हैं। ऐसे में सवाल उठा है कि पाकिस्तान का ये दावा सही है तो फिर इस हकीकत को वो साबित क्यों नहीं कर पा रहा है?
ट्रेन कब्जे में हैं तो फिर उसके वीडियो कहां हैं? मारे गए बलूच लड़ाकों के शव कहां हैं? क्या पाकिस्तान किरकिरी से बचने के लिए मौत का आंकड़ा छिपा रहा है? पाकिस्तान किस आधार पर 25 मौत की बात कह रहा?

बलूच मानवाधिकार परिषद के बयान ने खींचा दुनिया का ध्यान
इस बीच पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक को लेकर लंदन में बलूच मानवाधिकार परिषद के सूचना सचिव खुर्शीद अहमद ने पूरी दुनिया का इस घटनाक्रम और मूल वजहों की ओर आकृष्ट किया है।
बलूच मानवाधिकार परिषद के सूचना सचिव खुर्शीद अहमद ने इस घटना पर चिंता जताते हुए बलूच विद्रोहियों की तारीफ भी की।
खुर्शीद अहमद ने कहा कि- ‘…यह घटना दर्शाती है कि पाकिस्तान कमजोर हो रहा है जबकि बलूचिस्तान में बलूच स्वतंत्रता सेनानी मजबूत हो रहे हैं। ऐसी कठोर परिस्थितियों में भी बलूच स्वतंत्रता सेनानियों ने मानवाधिकार मानकों का पालन किया और बुजुर्ग, महिलाओं और परिवारों को क्वेटा वापस जाने दिया।
…उन्होंने कई सैन्य कर्मियों को बंधक बना लिया और गायब हुए बलूच लोगों की रिहाई की मांग की। हमें लगता है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं रुकेंगी।
…हम बलूच स्वतंत्रता सेनानियों, विशेष रूप से बीएलए को बलूचिस्तान में पाकिस्तान-चीन परियोजनाओं पर हमला करते हुए देख रहे हैं।
BLA अपनी मातृभूमि की रक्षा कर रहा है। बलूचिस्तान की स्थिति की मांग है कि भारत और पश्चिमी शक्तियों को बलूच के राष्ट्रीय संघर्ष का समर्थन करना चाहिए।’