गोरखपुर बना सियासी मुद्दा, बोले सीएम योगी – गोरखपुर की है अपनी अलग महत्ता

गोरखपुर बना सियासी मुद्दा, बोले सीएम योगी - गोरखपुर की है अपनी अलग महत्ता

डिजीटल डेस्क :  गोरखपुर बना सियासी मुद्दा, बोले सीएम योगी – गोरखपुर की है अपनी अलग महत्ता। दो दिन पहले बुलडोजर का रुख समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर जिस गोरखपुर कर देने की घोषणा अखिलेश यादव ने की, भाजपा ने उसे पलक झपकते ही लपक लिया है और सियासी फिजां में गोरखपुर की अहमियत को गूंजाना शुरू कर दिया है।

इस काम में लीड भूमिका में खुद सीएम योगी आदित्यनाथ हैं लेकिन इस क्रम में वह मंझे हुए सियासतदां की तरह किसी भी प्रतिपक्षी सियासी नेता या पार्टी का नाम नहीं ले रहे लेकिन गोरखपुर को लेकर तमाम अहम बातें अपने तीखे और चुटीले अंदाज में कर रहे हैं।

लगातार तीसरे दिन गोरखपुर प्रवास के दौरान शनिवार को सैनिक स्कूल के शुभारंभ के मौके पर स्वागत भाषण देने के क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के सियासी, आध्यात्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक मायनों को गिनाया।

साथ ही नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में गोरखपुर की लीड भूमिका को भी मजबूती से कुछ इस अंदाज में रेखांकित किया को प्रतिपक्षियों को भी गोरखपुर का नाम जुबान पर लाने से पहले जरा थमकना तो स्वाभाविक होगा।

गोरखपुर बना सियासी मुद्दा : मुख्यमंत्री योगी बोले – सनातनियों का अहम केंद्र है गोरखपुर

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,- ‘गोरखपुर पौराणिक और ऐतिहासिक कालखंड से ही महत्वपूर्ण जनपद रहा है। इस जनपद की अपनी विशेषता है।

यह महायोगी गुरू गोरक्षनाथ की पावन साधना स्थली तो है ही, सनातन हिंदू साहित्य का एक केंद्र गीता प्रेस के माध्यम से पूरे देश और दुनिया के अंदर उसके प्रचार-प्रसार का महत्वपूर्ण केंद्र भी है।

देश की आजादी की लड़ाई में सन 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर के दौरान शहीद बंधु सिंह के नेतृत्व में अनेकों क्रांतिकारियों ने विदेशी हुकूमत की चूलों को हिलाने का काम किया था। आ

जादी के आंदोलन की उस लड़ाई के दौरान चौरीचौरा की 1922 की घटना ने उस संघर्ष को नई गति दिया था। गोरखपुर भारत के ऐतिहासिक और पौराणिक पृष्ठभूमि की पावन भूमि है। यह प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है’।

काशी, अयोध्या, बुद्ध और कबीर से सीधे जुड़ाव वाला है गोरखपुर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि, ‘गोरखपुर को यदि केंद्र में रखकर हम देखें तो 50 किमी की दूरी पर महान भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर, 90 किमी की दूरी पर भगवान बुद्ध का पावन जन्मस्थली लुंबनी, 25 किमी की दूरी पर संत कबीर की निर्वाण स्थली मगहर, पौने 200 किमी की दूरी पर श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या और सवा 200 किमी की दूरी पर बाबा विश्वनाथ की पावन नगरी काशी है।

गोरखपुर को केंद्र में रखकर ये पावन स्थल सभी का ध्यान आकर्षित करते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर बिहार और नेपाल की 3 करोड़ से अधिक की आबादी का शिक्षा का, स्वास्थ्य का एवं व्यापार व रोजगार का प्रमुख केंद्र भी गोरखपुर है।

गोरखपुर आज नए भारत के विकास की यात्रा में आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में अपनी पौराणिक और ऐतिहासिक परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखते हुए विकास की नई गति को आगे बढ़ा रहा है’।

शनिवार को गोरखपुर सैनिक स्कूल के शुभारंभ समारोह में सीएम योगी
शनिवार को गोरखपुर सैनिक स्कूल के शुभारंभ समारोह में सीएम योगी

सीएम योगी बोले – शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश का ड्रीम डेस्टीनेशन बना गोरखपुर

इसके बाद मुख्यमंत्री ने नए दौर में गोरखपुर की बनी नई महत्ता को अपने अंदाज में सबके सामने रखा। उन्होंने कहा कि, ‘यह जो नया सैनिक स्कूल परिसर आदरणीय उपराष्ट्रपति के करकमलों से हो रहा है, यहां पर बंद खाद कारखाना था।

यह खाद कारखाना न केवल फिर से आधुनिक भारत में कृषि  की उत्पादकता को बढ़ाने में बल्कि उत्पादन लागत को भी कम करने में एक बड़ी भूमिका निर्वहन करना प्रारंभ कर दिया है। यहां के नागरिकों के लिए आजीविका के एक नए साधन के रूप में बनकर उभरा है।

स्वास्थ्य की समस्या का समाधान करने को भी आज यहां एम्स गोरखपुर में न केवल गोरखपुर की बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के साथ मिलकर के तेजी से पूरे अभियान को नई गति दे रहा है।

यहां के अन्नदाता किसानों की मेहनत, गन्ना उत्पादन के लिए चल रही चीनी मिलें रोजगार की प्रमुख साधन हैं। आज का अत्याधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर भी गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान दे रहा है।

एक्सप्रेस हो, इंटर-स्टेट फोर लेन और सिक्स लेन की कनेक्टिविटी हो या फिर नए-नए आ रहे उद्योग – यह एक नई पहचान बन रही है। अब उत्तर प्रदेश के इस उत्तर-पूर्व क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश के ड्रीम डेस्टीनेशन के रूप में गोरखपुर तेजी से आगे बढ़ा है’।

एक दिन पहले बोले थे सीएम योगी – ‘पहले कोई गोरखपुर नहीं आता था…

एक दिन पहले गत शुक्रवार को अपने गोरखपुर प्रवास के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 635 करोड़ रुपयों की की 5 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के दौरान बिना नाम लिए ही सियासी निशाना साधते हुए कहा था – ‘पहले कोई गोरखपुर नहीं आता था…’।

उसी क्रम में मुख्यमंत्री ने आगे कहा था कि, ‘ गोरखपुर में आज राष्ट्रपति आते हैं, उपराष्ट्रपति आने वाले हैं, प्रधानमंत्री भी आते हैं एवं मैं स्वयं हर 10-15 दिन में आ ही जाता हूं। मंत्रीगण आ रहे हैं और बड़े-बड़े अधिकारी भी आ रहे हैं। गोरखपुर तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है।

अब आप भी कह सकते हैं कि जैसे नए भारत या यह नया उत्तर प्रदेश है उसी तरह नए उत्तर प्रदेश यह नया गोरखपुर भी है। यहां विकास भी है और सुरक्षा का भी मॉडल बन रहा है। बंद पड़ा खाद कारखाना फिर से शुरू हो गया है। एम्स गोरखपुर में बन गया है।

यही नहीं, अब तो कुछ दिनों पर रामगढ़ ताल में भी आपको पर्यटन का आनंद प्राप्त होगा। और जिल्वा ताल को भी पर्यटन के लिए विकसित करने जा रहे हैं’।

लगे हाथ मुख्यमंत्री ने लोगों को समझाया भी कि विकास के यदि कोई प्रस्ताव आ रहे हैं तो उसमें अनावश्यक किसी को विघ्न-बाधा नहीं डालना चाहिए बल्कि तेजी से उसको लपककर अपने यहां लागू करवाना चाहिए। विकास का सुरक्षा का बेहतरील मॉडल ही उज्जवल भविष्य की ओर हमको लेकर चलेगा’।

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