Breaking – ममता : दोषियों को फांसी हो, राजनीति नहीं…राम-वाम वालों ने सियासी रोटी सेंकने को की साजिश तो सड़क पर उतरना पड़ा

कोलकाता में शुक्रवार अपराह्न प्रतिवाद जुलूस के बाद हुई सभा को संबोधित करतीं सीएम ममता बनर्जी

कोलकाता : Breaking –  ममता : मैं मनुष्य पहले हूं, राजनेता बाद में…दोषियों को फांसी हो…रविवार तक हो सजा…राम-वाम वालों की साजिश को नाकाम करें लोग। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में गत 8 अगस्त को मेडिकल छात्रा के रेप और मर्डर की घटना के दोषिय़ों को फांसी देने की मांग पर पहली बार खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सड़कों पर उतरीं और प्रतिवाद जुलूस निकालने के बाद जनसभा की।

बड़े ही बेलागी से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बोलीं कि – ‘आरजी कर अस्पताल में मेडिकल छात्रा के साथ हुई जघन्य घटना पर शुरू से आक्रोशित हूं। दोषियों को फांसी की सजा देने की पक्षधर हूं और उसकी मांग भी कर रही हूं।

मृतका के माता-पिता को आश्वस्त भी किया था कि दोषियों को सजा दिलवाकर रहूंगी, उसके लिए रविवार तक का समय दें नहीं तो केस सीबीआई को सौंप दूंगी। लेकिन आप वाम और राम वाले इंतजार कर सकते थे लेकिन नहीं किया। पीड़ित परिवार का कोई दोष नहीं है।

आप वाम और राम वालों ने इस मामले में राजनीति शुरू कर दी जबकि मैं इस मामले में राजनीति कत्तई नहीं करना चाहती। आप इस संवेदनशील घटना पर सियासी रोटी सेंकने की कोशिश करने में जुटे और वह साफ दिखने भी लगा तो मुझे भी प्रतिकार में सड़क पर उतरना पड़ा’।

ममता बोलीं – हमारी भद्रता को कमजोरी ना समझें, आप (वाम-राम) अभद्रता पर उतारू

प्रतिवाद जुलूस के बाद कोलकाता निर्भया कांड के मसले पर अपनी सभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसी भी विरोधी दल को नहीं बख्शा और मौजूदा घटनाक्रम पर सभी को अपने अंदाज में ही जमकर आड़े हाथ लिया। कहा कि, ‘पूरे मामले को सीबीआई देख रही है। जांच जारी है। कोई कानून हाथ में ना ले, सीबीआई की जारी जांच पर भरोसा रखें।

मामले में दोषियों के लिए फांसी की सजा हो, यही हमारी मांग थी, है और रहेगी। भाजपा को बांग्ला मां के असम्मान का जवाब देना होगा। गत बुधवार की आधी रात को आरजी कर अस्पताल में जो तांडव मचाया गया, उसमें कोई और नहीं सीपीएम और भाजपा वाले थे। वाम और राम वाले लोग।

आप लोग दुष्प्रचार में जुटे हैं। उस पूरी रात सो नहीं पाई थी और जगी रहकर शांति व्यवस्था कायम कराने में जुटी रही। मैं कुत्सित राजनीति में भरोसा नहीं करती। आप (वाम-राम) वाले अभ्रदता पर उतारू हैं जबकि हम लगातार भद्रता से पेशआ रहे हैं लेकिन इस भद्रता को हमारी कमजोरी ना समझें’।

ममता का सीधा आरोप – आरजी कर अस्पताल में तांडव में शामिल थे माकपा-भाजपा वाले

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरजी कर अस्पताल में बीते बुधवार की आधी रात को उत्पाती भीड़ के तांडव पर सीधे विरोधी दलों पर हमला बोला। कहा कि – ‘मुझे पता है कि आरजी कर अस्पताल में उस रात तोड़फोड़ में माकपा-भाजपा वाले लोग शामिल थे।

रात 12 बजे के बाद डीवाईएफआई वाले माकपा का झंडा लेकर तो भाजपा वाले तिरंगा लेकर तांडव मचाने में जुटे थे। तिरंगा लेकर गुंडई करना कत्तई उचित नहीं है बल्कि तिरंगे का अपमान है। तिरंगे का इस्तेमाल सियासी लाभ के लिए भी नहीं किया जाता, यही मर्यादा है।

माकपा और भाजपा के उस रात के हमले में अस्पताल में करोड़ों रुपये मूल्य के चिकित्सकीय उपकरण नष्ट हो गए।

पुलिस वालों की ही तरह अस्पताल वाले भी ड्यूटी पर होते हैं लेकिन यहां कुछ लोगों को सियासी रोटी सेंकनी थी तो उसी काम में जुटे लेकिन आम लोगों ने विशेषकर आधी रात को सड़कों पर निकली मां-बहनों ने उनकी सोच को निष्फल कर दिया एवं उसके लिए मां-बहनों को विशेष आभार’।

कोलकाता में शुक्रवार को प्रतिवाद सभा में बोलतीं सीएम ममता बनर्जी।
कोलकाता में शुक्रवार को प्रतिवाद सभा में बोलतीं सीएम ममता बनर्जी।

भड़कीं ममता बोलीं – बंगाल में चूहा भी काटे तो 55 टीमें आती हैं, जिंदा लाश हो चुकी हूं

अपने संबोधन में मौजूदा घटनाक्रम पर प्रतिपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक साथ सभी को लपेटा। बोलीं – मौजूदा घटनाक्रम को देखें तो सियासी रोटी सेंकने को भाजपा के हाथों बनी तंबाकू (खैनी) खा रही हैं माकपा व कांग्रेस।

दूसरी ओर हालत यह है कि पश्चिम बंगाल में यदि चूहा भी काट ले तो इनकी 55 टीमें दन्न से पहुंच जाती हैं। मुझे जो मर्जी कहना हो कह लें क्योंकि सियासी जीवन में शुरू से ही मार खाते-खाते मैं जिंदा लाश बन चुकी हूं, कोई फर्क नहीं पड़ता।

माकपा और भाजपा को ममता ने दिखाया सियासी आईना

बंगाल में माकपा शासन काल याद है ना। हाजरा मोड़ पर माकपाइयों ने खान बंधु की अगुवाई में हमलाकर मुझे मरणासन्न कर दिया था। तब प्रदेश के गृहमंत्री वही बुद्धदेव बाबू थे जब वह दिवंगत हुए तो अंतिम दर्शन को पहुंची थी और उससे पहले जब भी वे बीमार होते तो देखने अवश्य जाया करती थी। वह छोड़िए और भी बहुत सी घटनाएं हैं।

बानतला कांड याद है ना? अनीता दीवान और तापसी मलिक की घटना को जेहन में होगी ही? कूचबिहार में नर्स बर्नाली दत्त का कत्ल किसके राज में हुआ था? नंदीग्राम में किसके राज में गोली चली थी और गैंगरेप की घटना हुई थी? राजारहाट नरकंकाल की घटना भी तो नहीं भूले होंगे? ये तो रहीं वामदलों के शासन काल का।

ये भाजपा वाले जो बड़ी बातें कर रहे हैं जरा इनकी हालत भी देख लीजिए। तमाम जुगत करके भी केंद्र में आप (भाजपा वाले) एक पैरों पर खड़े हैं और दूसरा पैर नीतीश जी और चंद्रबाबू जी के बूते टिका है।

गुजरात में सामूहिक बलात्कार, मणिपुर में महिलाओं का उत्पीड़न, हाथरस और उन्नाव के अलावा उत्तराखंड में महिला अत्याचार की घटनाओं पर भाजपा वालों ने अपनी कितनी टीमें भेजी हैं, जरा बताएं ? देश में आप (भाजपा वाले) एक महिला मुख्यमंत्री नहीं बना पाए।

दूसरी ओर हमारी तृणमूल कांग्रेस की इकलौती सियासी पार्टी है जो 38 फीसदी महिला सांसदों को जितवाकर लोकसभा में भेजने में सफल रही। साथ ही कोलकाता नगर निगम में पार्षद पद में 50 फीसदी सीटें महिलाओं आरक्षित कर दी गई हैं। कन्याश्री, रूपश्री योजनाओं के अलावा स्वास्थ्य साथी कार्ड होल्डर महिलाओं को ही बनाया गया है।

कोलकाता में शुक्रवार को ममता बनर्जी प्रतिवाद जुलूस की अगुवाई करती हुईें।
कोलकाता में शुक्रवार को ममता बनर्जी प्रतिवाद जुलूस की अगुवाई करती हुईें।

मौला अली मोड़ से शुरू हुआ कोलकाता निर्भया कांड पर ममता का जुलूस

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में कोलकाता निर्भया कांड के रूप में सुर्खियों में छाए आरजी कर अस्पताल की घटना के दोषियों को फांसी देने की मांग पर निकले प्रतिवाद जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाएं और बालिकाएं शामिल हुईं।

जुलूस मौला अली मोड़ से शुरू होकर डोरिना क्रासिंग तक गया। जुलूस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ पहली कतार में चलने वालों में सांसद महुआ मोइत्रा, जून मालिया, सायनी घोष, रचना बंदोपाध्याय, शताब्दी राय, राज्य की वरिष्ठ मंत्री शशि पांजा, विधायक लवली मोइत्रा, अदिति मुंशी, सायंतिका बंदोपाध्याय और नयना बंदोपाध्याय प्रमुख रहीं।

ममता इनके बीच जुलूस की अगुवाई करते हुए हाथ जोड़े हुए चल रहीं थीं। जुलूस में शामिल महिलाओं, बालिकाओं और अन्य ने गले में नारे लिखे तख्तियां लटका रखे थे तो कुछ ने हाथों में पोस्टर ले रखे थे।

इसी क्रम में ट्राम भवन के पास पहुंचने पर जुलूस से निकलकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अचानक रोड किनारे खड़े लोगों के पास गईं और उनसे घटना के संबंध में कुछ रायशुमारी की और आश्वासन देने की मुद्रा में फिर जुलूस के अगली कतार में लौटीं।

मुख्यमंत्री बोलीं – सूचना मिलते ही मामले में तुरंत कार्रवाई शुरू कराई

ममता यहीं नहीं रुकीं। बोलीं कि हम समाज में रहते हैं और कुछ सामाजिक कायदे भी होते हैं लेकिन लोग अपनी सियासत चमकाने को हम पर लगातार मनमाने आरोप लगा रहे हैं। सच्चाई से मीडिया और लोग भी वाकिफ हैं कि बीते शुक्रवार की सुबह जब घटना की जानकारी हुई तो मैं झाड़ग्राम के दौरे पर थी।

वहीं से लगातार घटना के बारे में जानकारी ले रही थी और जब पता चला कि मृतका के माता-पिता अस्पताल में बेसुध हैं और बेटी की लाश भी नहीं देख पाए हैं तो तुरंत  मोबाइल पर उसके लिए आदेश दिया। फिर कोलकाता लौटने पर सोमवार तक मृतका के घर नहीं गई क्योंकि असामियक मौत के बाद होने वाले संस्कार वाले अनुष्ठान परिवार वाले कर रहे थे।

पल-पल की जानकारी ले रही थी और बीते मंगलवार को पुलिस कमिश्नर को साथ लेकर मृतका के घर गई और उनकी बातों के सुनने के बाद पुलिस को कड़ा निर्देश भी दिया जो कि इस मामले में शुरू से करती आ रही हूं।

सभा के सामने दर्शक दीर्घा में मौजूद तृणमूल कांग्रेस नेताओं में सांसद सौगत राय, कल्याण बनर्जी, सुदीप बनर्जी, अतीन घोष, बाबुल सुप्रिय, व्रात्य बसु, कुणाल घोष, जय प्रकाश नारायण, अरूप घोष आदि मौजूद रहे।

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