Tuesday, July 1, 2025

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Breaking : कोलकाता निर्भया कांड के दोषियों के फांसी की मांग पर खुद सड़कों पर उतरीं ममता बनर्जी, दिया नारा – ‘दोषियों को सजा नहीं, फांसी चाहिए’

डिजीटल डेस्क : Breakingकोलकाता निर्भया कांड के दोषियों की मांग पर खुद सड़कों पर उतरीं ममता बनर्जी। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में गत 8 अगस्त को मेडिकल छात्रा के रेप और मर्डर की घटना के दोषिय़ों की मांग पर पहली बार खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सड़कों पर उतरीं हैं।

उन्होंने इस कांड के दोषियों को फांसी की सजा देने की पर यह प्रतिवाद जुलूस निकाला है। जुलूस के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नारा दिया – ‘दोषियों को सजा नहीं, फांसी चाहिए’।

ममता के नारे का समर्थन उनके साथ चल रही बांग्ला सिने जगत की मशहूर अभिनेत्रियां कर रही थीं। साथ में मंत्री, सांसद और विधायक भी पीछे-पीछे ममता के नारे में अपना सुर मिला रहे थे।

घटना का सियासी लाभ लेने से विरोधियों को रोकने को सड़क पर उतरीं ‘आंदोलनकारी ममता’

आंदोलन और संघर्ष की राजनीति के लिए शुरू से ही अलग पहचान रखने वाले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गत 8 अगस्त को आरजी कर मेडिक कॉलेज में हुई घटना के बाद से जरा बैकफुट पर थीं।

हालांकि, वह शुरू से ही इस मामले में दोषियों के खिलाफ फांसी की सजा की पैरोकारी करती आ रही हैं और घटना को लेकर जूनियर डाक्टरों के गुस्से को भी वाजिब बता रही हैं लेकिन घटना वाले कालेज के सुपरिंटेंडेंट और प्रिंसिपल को बचाने के उछले आरोपों से खुद को नहीं बचा पा रहीं।

वह निजी तौर पर पहले ही सीबीआई से मामले की जांच कराने की बात कह चुकी थीं लेकिन गत बुधवार की आधी रात घटना के विरोध में सड़कों पर उतरी महिलाओं की आड़ लेकर कुछ उत्पातियों की ओर से आरजी कर अस्पताल में किए गए तांडव के बाद मामला तेजी से बिगड़ा।

तृणमूल के धुर विरोधी सियासी दल भाजपा, कांग्रेस और वाममोर्चा के साथ ही एसयूसीआई ने सड़कों पर उतरकर कोलकाता निर्भयाकांड का विरोध शुरू करने का फैसला लिया तो उसी क्रम में सियासी विरोधियों को घटना का सियासी लाभ लेने से रोकने को खुद ममता बनर्जी ने घटना को लेकर अपने अंदाज वाला कार्यक्रम तय किया।

मौला अली मोड़ से शुरू हुआ कोलकाता निर्भया कांड पर ममता का जुलूस

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में कोलकाता निर्भया कांड के रूप में सुर्खियों में छाए आरजी कर अस्पताल की घटना के दोषियों को फांसी देने की मांग पर निकले जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाएं और बालिकाएं शामिल हुईं। जुलूस मौला अली मोड़ से शुरू होकर डोरिना क्रासिंग तक गया।

जुलूस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ पहली कतार में चलने वालों में सांसद महुआ मोइत्रा, जून मालिया, सायनी घोष, रचना बंदोपाध्याय, शताब्दी राय, राज्य की वरिष्ठ मंत्री शशि पांजा, विधायक लवली मोइत्रा, अदिति मुंशी, सायंतिका बंदोपाध्याय और नयना बंदोपाध्याय प्रमुख रहीं। ममता इनके बीच जुलूस की अगुवाई करते हुए हाथ जोड़े हुए चल रहीं थीं।

जुलूस में शामिल महिलाओं, बालिकाओं और अन्य ने गले में नारे लिखे तख्तियां लटका रखे थे तो कुछ ने हाथों में पोस्टर ले रखे थे। इसी क्रम में ट्राम भवन के पास पहुंचने पर जुलूस से निकलकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अचानक रोड किनारे खड़े लोगों के पास गईं और उनसे घटना के संबंध में कुछ रायशुमारी की और आश्वासन देने की मुद्रा में फिर जुलूस के अगली कतार में लौटीं।

शुक्रवार को प्रतिवाद जुलूस के आखिर में सभा को संबोधित करतीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
शुक्रवार को प्रतिवाद जुलूस के आखिर में सभा को संबोधित करतीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

ममता बोलीं- नाटक ना हो, सच्चाई सामने लाई जाए…दोषियों को फांसी दी जाए

जुलूस के आखिर में मंच पर पहुंचीं ममता बनर्जी ने पहली हुंकार भरी – ‘इस जघन्य घटना के दोषियों को सजा हो…सजा नहीं फांसी हो…और जितना जल्दी हो सके किया जाए…हम घटना के संबंध में सच्चाई जानना चाहते हैं…उसे सभी के सामने लाया जाए…दोषी या दोषियों का मुखौटा हटाया जाए…।

हम सभी ऐसी घटना के दोषियों के लिए सीधे फांसी की मांग करते हैं….इस मामले में ड्रामा या नाटक ना हो…सच्चाई सामने आए और लाई जाए..।’ इसी क्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगे कहा कि मीडिया के मार्फत घटना को लेकर जो सारी बातें प्रचारित हो रही हैं, वे सारी की सारी बातें सही नहीं हैं, यह भी एक बड़ी सच्चाई है।

ममता बोली – सीपीएम-भाजपा वालों ने किया अस्पताल में तोड़फोड़

साइबर क्राइम के इस दौर में कई अपराधी भी डिजीटल मीडिया के मार्फत सियासी रोटी सेंककर सियासतदां बनने के फिराक हैं लेकिन धिक्कार है वैसे तत्वों को जो ऐसी अमानवीय घटना में भी अपने लिए सियासत का अहम अवसर तलाश रहे हैं।

जब उन्नाव और हाथरस में घटनाएं होती हैं, तो वे लोग क्यों चुप साधे रहते हैं जो आज आरजी कर वाले में मामले में जरूरत से ज्यादा बोल रहे हैं और उसी क्रम में कुछ भी बोल दे रहे हैं जो ठीक नहीं है।

बीते बुधवार की रात को आरजी कर अस्पताल में जो तोड़फोड़ हुई और तांडव मचा था, उसमें सीधे तौर पर सीपीएम और भाजपा वाले शामिल थे।

आम लोग और महिलाएं सही प्रतिवाद में सड़कों प़र थे लेकिन रात के 12 बजे के बाद डीवीआईएफआई वालों ने अपनी पार्टी सीपीएम का झंडा और भाजपा वालों ने तिरंगा लेकर जो उत्पात मचाया वह सबके सामने है। उन्हें ये सब बंद करना चाहिए।

मुख्यमंत्री बोलीं – सूचना मिलते ही मामले में तुरंत कार्रवाई शुरू कराई

ममता यहीं नहीं रुकीं। बोलीं कि हम समाज में रहते हैं और कुछ सामाजिक कायदे भी होते हैं लेकिन लोग अपनी सियासत चमकाने को हम पर लगातार मनमाने आरोप लगा रहे हैं।

सच्चाई से मीडिया और लोग भी वाकिफ हैं कि बीते शुक्रवार की सुबह जब घटना की जानकारी हुई तो मैं झाड़ग्राम के दौरे पर थी। वहीं से लगातार घटना के बारे में जानकारी ले रही थी और जब पता चला कि मृतका के माता-पिता अस्पताल में बेसुध हैं और बेटी की लाश भी नहीं देख पाए हैं तो तुरंत  मोबाइल पर उसके लिए आदेश दिया।

फिर कोलकाता लौटने पर सोमवार तक मृतका के घर नहीं गई क्योंकि असामियक मौत के बाद होने वाले संस्कार वाले अनुष्ठान परिवार वाले कर रहे थे।

पल-पल की जानकारी ले रही थी और बीते मंगलवार को पुलिस कमिश्नर को साथ लेकर मृतका के घर गई और उनकी बातों के सुनने के बाद पुलिस को कड़ा निर्देश भी दिया जो कि इस मामले में शुरू से करती आ रही हूं।

सभा के सामने दर्शक दीर्घा में मौजूद तृणमूल कांग्रेस नेताओं में सांसद सौगत राय, कल्याण बनर्जी, सुदीप बनर्जी, अतीन घोष, बाबुल सुप्रिय, व्रात्य बसु, कुणाल घोष, जय प्रकाश नारायण, अरूप घोष आदि मौजूद हैं।

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