रांची:झारखंड में साइबर अपराध के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया गया है। राज्य के विभिन्न बैंकों में सक्रिय करीब 15 हजार खातों में पूरे देश से साइबर ठगी की रकम जमा होने की सूचना के बाद राज्य पुलिस हरकत में आ गई है। डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर साइबर पुलिस ने एक विशेष ऑपरेशन शुरू किया है, जिसके पहले चरण में 40 बैंक खातों और उनके धारकों को चिह्नित कर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन खातों में एक बार में 10 लाख रुपये या उससे अधिक की रकम का ट्रांजेक्शन हुआ है।
साइबर थाना में केस दर्ज, कार्रवाई शुरू:
मंगलवार को साइबर थाना की डीएसपी नेहा बाला के बयान पर साइबर थाना में मामला दर्ज किया गया। दर्ज एफआईआर के अनुसार, झारखंड में बैंक ऑफ बड़ौदा के 6 खाते, IDBI बैंक के 2, पंजाब एंड सिंध बैंक का 1, यूको बैंक के 5, इंडसइन बैंक के 2, J&K बैंक का 1, ICICI बैंक के 3, IDFC बैंक के 2, फेडरल बैंक के 2, बंधन बैंक के 8, फिनो पेमेंट बैंक का 1, PNB के 2, HDFC बैंक का 1, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 2, सेंट्रल बैंक और एक्सिस बैंक के 1-1 खातों को जांच के दायरे में लिया गया है।
झारखंड के जिलों से जुड़े हैं खाताधारकों के पते:
इन सभी खातों के धारकों ने झारखंड के विभिन्न जिलों में स्थानीय पते दर्ज कर रखे हैं। पुलिस अब इनकी पता-तलाशी और गिरफ्तारी के लिए अभियान चला रही है।
‘प्रतिबिंब’ ऐप से हो रही पहचान:
पहले चरण में प्रतिबिंब ऐप की मदद से साइबर अपराधियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। अब इसी तकनीकी मदद से उन बैंक खातों की पहचान की जा रही है जिनमें साइबर ठगी की रकम ट्रांसफर की जाती है।
तीन चरणों में चलेगा पूरा अभियान:
पहला चरण: 10 लाख या उससे अधिक के ट्रांजेक्शन वाले खाताधारकों की पहचान (40 केस दर्ज)।
दूसरा चरण: 5 लाख से अधिक के ट्रांजेक्शन वाले खातों की पहचान और कार्रवाई।
तीसरा चरण: अन्य सभी संदिग्ध खातों की पहचान और जांच।
राज्य पुलिस की सख्ती:
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य को साइबर अपराधियों की शरणस्थली नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने संबंधित जिलों की पुलिस को सतर्क करते हुए कहा है कि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।