बच्चों को स्मार्टफोन से बचाएं, बोले CM Yogi

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डिजिटल डेस्क : बच्चों को स्मार्टफोन से बचाएं, बोले CM Yogi। यूपी के CM Yogi आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक कार्यक्रम में कहा कि – ‘…आज बच्चों को स्मार्टफोन से बचाने की आवश्यकता है। स्मार्टफोन के इस्तेमाल सुुविधाएं भी हैं लेकिन ज्यादा इस्तेमाल के चलते इससे हो रहे शारीरिक विकारों के प्रति भी जागरूकता भी अहम है।

…लोग स्वस्थ होंगे तो देश स्वस्थ होगा और देश स्वस्थ होगा तो दुनिया में भारत तेजी से विकसित देशों में समर्थ ढंग से वर्ष 2047 तक पीएम मोदी की आशा के अनुरूप में सहजता से शुमार होगा’।

CM Yogi बोले – स्मार्टफोन से है मानसिक रोगों की आशंका…

लखनऊ में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) का 120वां स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा कि – ‘…वर्तमान में स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग से मानसिक रोगों की आशंका बढ़ी है। इन चुनौतियों के लिए अभी से जागरूकता उत्पन्न करनी होगी।

…इसके लिए मानसिक रोगों के इलाज को विस्तार देना होगा। इस सम्बन्ध में केजीएमयू एवं आईआईटी द्वारा लोगों को जागरूक किया जाए। लोग इनकी बातों को ध्यान से सुनेंगे’। 

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CM Yogi बोले – वर्तमान में सड़क दुर्घटनाएं एक बड़ी चुनौती…

केजीएमयू के 120वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए CM Yogi ने लोगों के रूटीन लाइफ से जुड़ी कई अहम विषयों पर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया एवं उस दिशा में अपनी  सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यों का भी उल्लेख किया।

CM Yogi ने कहा कि – ‘…वर्तमान में सड़क दुर्घटनाएं एक चुनौती हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में विगत 1 वर्ष में 25,000 से अधिक मृत्यु हुई है। इसमें से 40 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जिनकी उम्र 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष के बीच थी। इन स्थितियों में ट्रॉमा सेण्टर द्वारा इलाज किया जाता है या दुर्घटना में घायल लोगों को बचाया जाता है। केजीएमयू में ट्रॉमा सेण्टर की स्थापना की कार्यवाही को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है’।

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CM Yogi ने कहा – आवश्यकता है लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने की…

इसी क्रम में CM Yogi आदित्यनाथ ने आगे कहा कि – ‘…लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। अगर कोई व्यक्ति ब्रेन डेड हो गया हो और उसके अंग किसी दूसरे व्यक्ति की जान बचा सकते हैं, तो उन्हें डोनेट करने के लिए ऐसे मरीजों के परिजनों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

…इस सम्बन्ध में चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा जागरूकता कैम्प लगाया जाए। इलाज के लिए आए हुए मरीजों के तीमारदारों को अंगदान के लिए पैम्फलेट तथा छोटे-छोटे विज्ञापनों के माध्यम से जागरूक किया जाए। इसके माध्यम से बहुत से मरीजों को नई जिन्दगी प्राप्त हो सकती है’। 

 

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