26 वर्ष की लंबी सुनवाई के बाद आया फैसला, कोर्ट ने बाइज्जत किया बरी
धनबाद : जिले के चर्चित कोयला कारोबारी संजय सिंह हत्याकांड के मामले में 26 वर्ष की
लंबी सुनवाई के बाद बुधवार को अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत ने आरोपी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह के
नाती और बलिया के भाजपा MLC पप्पू सिंह उर्फ रवि शंकर सिंह को
साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया.
जानिये कोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि संजय सिंह की हत्या हुई, पर किसने की,
यह अभियोजन साबित नहीं कर सका. बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता जया कुमार ने दलील पेश की. 23 जनवरी 2019 को पप्पू सिंह के खिलाफ अदालत ने हत्या का आरोप तय कर सुनवाई शुरू की थी. सुनवाई के दौरान मात्र तीन गवाह पुष्पा सिंह, कृष्णा सिंह और कांड के अनुसंधानकर्ता अशोक कुमार सिंह ने बयान दर्ज कराया था. पुष्पा सिंह और कृष्णा सिंह ने पप्पू सिंह की संलिप्तता नहीं बताई थी.
26 मई 1996 को संजय सिंह की हुई थी गोली मारकर हत्या
गौरतलब है कि 26 मई 1996 को संजय सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कृष्णा सिंह के फर्द बयान पर सुरेश सिंह एवं पप्पू सिंह के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सीआईडी ने सुरेश सिंह व पप्पू सिंह को क्लीनचीट दे दी और रामाधीर सिंह समेत अन्य पर आरोप पत्र दायर किया. बावजूद पुलिस ने सुरेश सिंह को आरोपी बनाया था. रामाधीर सिंह इस मामले में 22 मार्च 2018 को बरी किए जा चुके हैं.
संजय के हत्यारे अब भी घूम रहे हैं बाहर- रवि शंकर सिंह
रिहाई के बाद मीडिया से बात करते हुए रवि शंकर सिंह ने कहा कि वह निर्दाेष हैं. षड्यंत्र के तहत उहें फंसाया गया. अब न्यायालय से न्याय मिला है. संजय के हत्यारे अब भी बाहर घूम रहे हैं. ऊपर वाला उसका न्याय करेगा.
रिपोर्ट: राजकुमार जायसवाल