Patna: जब से जेडीयू उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने की चर्चा शुरू हुई है, बिहार में नई राजनीतिक बहस शुरू हो गई है. कांग्रेस इस फैसले को बीजेपी और जेडीयू की सोची-समझी चाल बता रही है. कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा है कि भाजपा को पता है कि उत्तर प्रदेश में ओबीसी-दलित उनके विरोध में खड़ी है. भाजपा की हालत वहां खराब है. इसलिए रणनीति के तहत जदयू को ओबीसी बहुल इलाकों से लड़वाने की तैयारी की जा रही है ताकि ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यक मतों का विभाजन कर भाजपा को जिताया जा सके.
भाजपा की हार सामने देख जीताने की साजिश रच रही है जदयू- कांग्रेस
लेकिन कांग्रेस इसे जदयू भाजपा की चाल बता रही है. कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा है कि भाजपा को पता है कि उत्तर प्रदेश में ओबीसी-दलित भाजपा के विरोध में खड़ी हैै. भाजपा की हालत वहां खराब है. इसी रणनीति के तहत जदयू को ओबीसी बहूल इलाकों से लड़वाने की तैयारी की जा रही है, जिससे की ओबीसी दलित और अल्पसंख्यक मतों का विभाजन किया जा सके और भाजपा की जीत सुनिश्चित हो सके. लेकिन यह चाल काम करने वाली नहीं है.
आन्तरिक कलह से परेशान है जदयू, विलूप्त होने के कगार पर है खड़ा- राजद
लेकिन राजद प्रवक्ता इसे जदयू के आन्तरिक कलह से जोड़कर देख रहे है. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि जदयू का ही एक खेमा आरसीपी सिंह को विफल करवाने पर तुला है. वैसे भी आज तक आरसीपी सिंह को जो भी जिम्मेवारी दी गयी उसमें वह असफल ही रहे हैं.
इस सब के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जदयू उत्तर प्रदेश में अपने बुते चुनाव लड़ती है या चुनावी अखाड़े से बाहर रहने की रणनीति बनाती है.
जेडीयू का स्टैंड क्या है बताया पार्टी प्रवक्ता अभिषेक झा ने
जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने जदयू की रणनीतियों का खुलासा करते हुए कहा है कि जदयू भाजपा का गठबंधन सिर्फ बिहार के लिए है, राष्ट्रीय स्तर जदयू का भाजपा से कोई गठबंधन नहीं है. वैसे आरसीपी सिंह को मामले को सुलझाने की जिम्मेवारी दी गई है, लेकिन यदि बात नहीं बनती है तब जदयू उत्तर प्रदेश में अपने बुते ही चुनाव लड़ेगी.
रिपोर्ट : शक्ति