Desk. खबर हिमाचल प्रदेश से है। यहां प्रदेश कांग्रेस एक बार फिर विवाद बढ़ता दिख रहा है। वेंडर्स, होटल मालिकों, ढाबा मालिकों को पहचान पत्र जारी करने को लेकर बढ़े विवाद के बाद कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह को कथित तौर पर तलब किया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा के दौरान भी हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में विवाद देखने को मिला था। उस दौरान कांग्रेस के छह विधायकों ने अपने प्रत्याशी के खिलाफ मतदान किया था।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में बढ़ा विवाद
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में एक फरमान जारी कर वेंडर्स, होटल मालिकों, ढाबा वालों को अपना नाम और पहचान लिखना अनिवार्य कर दिया है। इसका ऐलान सुक्खू सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने किया है। इसके लिए तमाम स्ट्रीट वेंडर्स को पहचान पत्र जारी किया जाएगा। अब कांग्रेस हाईकमान ने विक्रमादित्य के फैसले के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह दिल्ली तलब
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विक्रमादित्य सिंह को परामर्श के लिए दिल्ली बुलाया गया है। और इस मामले पर विवादास्पद टिप्पणी करने से परहेज करने के लिए कहा गया। उनके पास लोक निर्माण और शहरी विकास विभाग हैं, बताया जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मामले को संभालने के सिंह के तरीके पर नाराजगी व्यक्त की है, जो अब राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।
वहीं मंत्री विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि वेंडर्स, होटल मालिकों, ढाबा वालों को अपना पचान पत्र जारी करने से पारदर्शिता बढ़ेगी। उनका कहना है कि हिमाचल में शांति बनाना हमारी जिम्मेदारी है। हिमाचल में बाहर के राज्यों के लोगों का स्वागत है, लेकिन प्रदेश की आंतिरक सुरक्षा बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। फूड वेंडर्स का आईडेंटिफिकेशन करवाया जाएगा। योगी आदित्यनाथ और यूपी से इस ऑर्डर का कोई लेना-देना नहीं है।
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