रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम ने विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन धरना पर बैठकर राज्य सरकार को कड़ी आलोचना की।
उन्होंने पेसा कानून को राज्य में लागू करने की मांग उठाई और उदासीन रवैया दिखाने से इसे अटलांटिक महासागर में गिरवी रखा।
लोबिन हेंब्रम ने बिहार में पेसा कानून के लागू होने का उदाहरण दिया और राज्य में इसे क्यों लागू नहीं किया जा रहा है, इस पर गहरी संदेह जताया।
उन्होंने राज्य में जल, जंगल, और जमीन की लूट का भी संदर्भ देते हुए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
इस संदर्भ में, कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने सदन के अंदर बाबूलाल को लेकर एक बयान दिया था, लेकिन लोबिन हेंब्रम ने उस बयान के प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया।
उन्होंने अपनी सुरक्षा की मांग सदन में की थी और इसके बाद सुरक्षाकर्मी को भी प्रदान किया गया है। इस संबंध में झामुमो विधायक ने भी अपनी सरकार के खिलाफ अभिवादन किया है।
यह स्थिति स्थानीय राजनीतिक माहौल में एक उग्र चर्चा के रूप में विकसित हो रही है, जिसमें लोबिन हेंब्रम और झामुमो विधायक के मुखर रुप से राज्य सरकार के खिलाफ उभरते सवालों ने संसद में गर्माहट को बढ़ा दिया है।