धनबाद : एनजीटी की रोक के बावजूद जिले में बालू का अवैध खनन जारी है.
वहीं जिला प्रशासन मौन हैं. अभी राज्य में एक ओर ईडी की कार्रवाई चल रही है,
वहीं दूसरी ओर अवैध बालू उत्खनन एवं कारोबार जोरों पर चल रहा है.
हाल ही में जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने अवैध बालू खनन
एवं तस्करी का वीडियो जारी किया था और अपने ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया था.
उठ रहे कई सवाल
अब सवाल उठता है कि जामताड़ा में अगर बालू का अवैध उत्खनन और कारोबार बेलगाम है तो क्या उससे सटे हुए जिला धनबाद में इस पर पूरी तरह से विराम है. इन तस्वीरों को जरा गौर से देखिए टुंडी पूर्वी टुंडी चिरकुंडा एवं कई अन्य थाना क्षेत्रों के साथ-साथ सिंदरी बलियापुर महुदा क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर बराकर एवं दामोदर नदी से बालू का अवैध तरीके से खनन जारी है.
लोगों का आरोप- पुलिस को चढ़ता है चढ़ावा
एनजीटी के द्वारा खनन पर रोक के कारण मनमाने कीमत पर बालू को खपाया जा रहा है. आमतौर पर जहां पहले बालू 3000 प्रति ट्रैक्टर मिलाता था, वहीं अब 4 से 6000 रुपए प्रति ट्रैक्टर की दर से खापाया जा रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि बगैर पुलिस को चढ़ावा दिए एवं खनन विभाग को मैनेज किए यह कार्य नहीं हो सकता है. इसलिए बालू से तेल निकालने की कला में माहिर थानेदार एवं पदाधिकारी छापेमारी का दिखावा कर हरियाली इकट्ठे करने में जुटे हुए हैं और एनजीटी के आदेश को ठेंगा दिखाकर अवैध बालू का खनन और कारोबार जोरों से चल रहा है.
अवैध खनन पर उपायुक्त ने दिया ये जवाब
हालांकि जिले के उपायुक्त संजीव सिंह ने इतना जरूर कहा है कि जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक में एनजीटी के नियमों के अनुरूप समय-समय पर छापेमारी करने का निर्देश टीम को दिया गया है और कार्रवाई भी चल रही है. बावजूद अगर किसी खास वर्ग के द्वारा अथवा क्षेत्र विशेष में अगर अवैध बालू का कारोबार जोर-शोर से चल रहा है या अवैध तरीके से उत्खनन हो रहा है तो वह खुद से रोकने के लिए अपना टीम भेजने का काम करेंगे.
रिपोर्ट: राजकुमार जायसवाल