Dhanbad:- सिविल सर्जन कार्यालय से महज चंद कदम पर स्थित 60 सीटों वाला एएनएम प्रशिक्षण केंद्र महज एक शिक्षक
के भरोसे चल रहा है. इस प्रशिक्षण केन्द्र में अभी 48 छात्राएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है.
लेकिन इन 48 छात्राओं के पठन-पाठन के लिए महज एक शिक्षक है और यह शिक्षक भी शिक्षक नहीं होकर संस्थान का प्राचार्य है.
प्रभारी प्राचार्य कार्यालय के कार्य में इस कदर व्यस्त रहती हैं कि उन्हे छात्राओं का पठन-पाठन के लिए समय ही नहीं होता.
पठन-पाठन नहीं होने से निराश छात्राओं का कहना है कि इस संस्थान में नामांकन करवाना उनकी बड़ी भूल है.
एएनएम प्रशिक्षण में प्राचार्य के पद भार पर है अनुबंध शिक्षक
इधर प्राचार्य अर्चना खाखा की अपनी पीड़ा है, अर्चना खाखा ने बतलाया कि यहां पर उनकी नियुक्ति अनुबंध पर हुई है,
अब तक स्थायी नहीं किया गया, लेकिन प्राचार्य का पद भार संभालने का आदेश निर्गत कर दिया गया.
इसके कारण प्रशासनिक कार्य और पठन-पाठन में सामंजस्य बैठाना बहुत मुश्किल हो रहा है.
नियमत: यहां छह की संख्या में फैकल्टी होना है.
एक अकेले शिक्षक को सभी विषयों का पढ़ाई करवाना और साथ ही कार्यलय को संभालना दुस्कर कार्य है.
इस मामले में सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर कांत ने कहा कि स्टूडेंट और टीचर का रेशियो पूरा नहीं किया हो रहा है.
इसके कारण नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता का खतरा भी मंडरा रहा है.
इस मामले में विभाग से पत्राचार किया गया है, ताकि नर्सिंग की पढ़ाई
बाधित ना हो और उसकी गुणवत्ता भी बरकरार रहें.
रिपोर्ट- राजकुमार