रिपोर्टः शशांक शेखर/ न्यूज 22स्कोप
हजारीबागः कद नहीं तय करता के हौसले कितने बुलंद होंगे इसका जीता जागता उधारण है नीतू. दोनों पैर और एक हाथ से दिव्यांग नीतू के हौसलों में उड़ान है. चलने फिरने में असमर्थ नीतू अच्छे अच्छों को पछाड़ते हुए अपने काबिलियत और मेहनत के दम पर आज जेजे कॉलेज झुमरी तिलैया में बीए सेमेस्टर-1 की छात्रा है. 29 वर्षीय नीतू जिले के चालकुस्स प्रखंड में रहती है. बचपन से पढ़ाई लिखाई में काबिल रही नीतू को कभी उसके जीवन का रोड़ा दिव्यांगता नहीं बना. माता-पिता ने बचपन से लाढ़ प्यार किया, वो बदस्तूर जारी है. नीतू को एग्जाम दिलाने लेकर जाना हो या फिर बाजार घूमने ये काम पिता कृष्ण मोदी करते है. पढ़ने लिखने में काबिल नीतू फाइन आर्ट्स में भी माहिर है, पढ़ाई के अलावे सिलाई-कढ़ाई, क्राफ्ट बनाने के साथ-साथ ब्यूटीशियन का भी काम जानती है. बचपन से पढ़ने में काबिल रही नीतू नौकरी करना चाहती है. नीतू ने बताया कि मां-पिता ने तो खूब सेवा की अब उसकी बारी है. अपने पढ़ाई-लिखाई और हुनर के बदौलत नौकरी कर अपने परिवार की देखभाल करना चाहती है.