डीसी ने कहा मामला गम्भीर, सीएस से की रिपोर्ट तलब
गुमला : कोरोना के कहर के बीच जहां सरकार अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या कराने का लगातार दावा और तमाम कवायदें कर रही है. वहीं गुमला जिला के डुमरी प्रखण्ड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिछले चार वर्षों से एक अदद भवन की बाट जोह रहा है.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 4 वर्ष पूर्व 30 बेड वाले नए अस्पताल भवन के निर्माण को लेकर आधारशिला रखी गई. इसको लेकर परिसर में अवस्थित स्टाफ क्वार्टर खाली भी कराया गया. 11 करोड़ की लागत से अस्पताल के नये भवन की आधारशिला रखी गई. भवन के निर्माण की जिम्मेदारी रांची के संवेदक आरबीकॉन को मिली. किंतु यह संवेदक की लापरवाही ही है कि वर्ष 2018 से आरंभ हुआ निर्माण कार्य जिसे डेढ़ वर्ष में पूरा किया जाना था, आज चार वर्ष बीत जाने के बावजूद अब तक एक चौथाई निर्माण कार्य भी पूरा नहीं हो सका है.
स्थानीय लोगों में आक्रोश
नतीजतन बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की आस लगायी जनता में आक्रोश देखा जा रहा है. हालात यह है कि बाद में आरंभ हुए प्रखंड सह अंचल कार्यालय का भवन दो वर्ष पूर्व में ही पूर्ण हो चुका है. प्रखण्ड प्रमुख जीवंती एक्का ने कहा कि महामारी के दौर में भी अस्पताल भवन का 4 वर्ष की लंबी अवधि के बावजूद नहीं बन पाना संवेदक और विभाग की मिलीभगत का परिचायक है.
संवेदक को ब्लैकलिस्ट किए जाने की मांग
इधर सीएचसी प्रभारी डॉ रोशन खलखो ने अस्पताल भवन के धीमे निर्माण कार्य पर रोष जाहिर करते हुए संवेदक को ब्लैकलिस्ट किए जाने की मांग की है. उधर संवेदक के प्रतिनिधि गोल्डेन का कहना है कि कोरोना काल के अलावा विभाग की ओर से कुछ तकनीकी दिक्कतों का सामना होने के कारण समय से निर्माण संभव नहीं हो सका. अब तीव्र गति से कार्य आरंभ किया जा रहा है, इसे शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा. संवेदक अरबीकॉन के प्रतिनिधि ने बंगला भट्टा की ईंट के प्रयोग व श्रम कानून की अनदेखी सहित अन्य आरोपों को गलत करार दिया है.
डीसी ने सिविल सर्जन से रिपोर्ट किया तलब
वहीं डीसी शिशिर कुमार सिन्हा ने कहा कि उनके संज्ञान में यह तथ्य आया है. संवेदक को यह कार्य स्टेट की ओर से अलॉट हुआ था. इतनी लंबी अवधि के बावजूद अब तक निर्माण ना होना गंभीर लापरवाही का सूचक है. घटिया निर्माण कार्य और बांग्ला ईंट के प्रयोग से जुड़ी शिकायतों के आलोक में डीसी ने कहा कि एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड किए जाने से संबंधित रिपोर्ट सिविल सर्जन से तलब की है. आगे उनकी कोशिश होगी कि दोषी एजेंसी के विरुद्ध जांच कराकर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए किसी अन्य एजेंसी के जरिए शीघ्र निर्माण कार्य पूरा कराया जा सके.
रिपोर्ट: रणधीर