Friday, October 24, 2025
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Ranchi Chhath Ghat Alert: छठ पूजा से पहले रांची के 26 घाट खतरनाक घोषित, उतरते ही 7 फीट पानी

रांची में छठ से पहले खतरे की घंटी, 26 घाटों को हाई रिस्क घोषित किया गया। उतरते ही 7 फीट पानी, नगर निगम ने एनडीआरएफ तैनाती की मांग की।Ranchi Chhath Ghat Alert रांची: रांची में इस बार मानसून ने रिकॉर्ड तोड़ बारिश की है। सामान्य से 51% अधिक वर्षा के कारण शहर के कई तालाबों में जलस्तर काफी बढ़ गया है। इसका सीधा असर छठ घाटों की सुरक्षा पर पड़ा है। नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वे में 74 घाटों में से 26 को हाई रिस्क जोन घोषित किया गया है। इन घाटों में सीढ़ियों से उतरते ही 7...

Chhath 2025 Travel Rush: Ranchi से Bihar जाने वाली सभी बसें फुल, यात्रियों में मायूसी

छठ 2025 पर रांची से बिहार जाने वाली सभी बसें फुल, टिकट के लिए लंबी कतारें। यात्रियों की बढ़ती भीड़ से बस स्टैंडों पर अफरातफरी का माहौल।Chhath 2025 Travel Rush: बस स्टैंडों पर अफरातफरी, टिकट न मिलने से लोग परेशान रांची से बिहार जाने वाले यात्रियों की परेशानी इस बार छठ महापर्व के दौरान बढ़ गई है। राजधानी के खादगढ़ा, रातू रोड और धुर्वा बस स्टैंडों पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। बसों की संख्या सीमित है और सभी बसों की सीटें फुल हो चुकी हैं। झारखंड बस ऑनर एसोसिएशन के अनुसार, रांची से फिलहाल लगभग 150 बसें बिहार...

Ranchi Weather Update: 26-27 October को छाये रहेंगे बादल, Jharkhand में फिर बदलेगा मौसम

रांची में 26-27 अक्टूबर को बादल छाये रहेंगे, बंगाल की खाड़ी के लो प्रेशर के कारण झारखंड में 29 अक्टूबर तक हल्की बारिश के आसार हैं।Ranchi Weather Update: झारखंड मौसम अपडेट: रांची में दो दिन तक छाये रहेंगे बादल रांची: समेत झारखंड के कई हिस्सों में 26 और 27 अक्टूबर को आसमान में बादल छाए रहेंगे। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के प्रभाव से अगले कुछ दिनों में झारखंड में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना ऊपरी चक्रवाती तंत्र 24 अक्तूबर...

नेपाल में आए भूकंप से तिब्बत संग चीन में भी डोली धरती, भारत में आधा दर्जन राज्यों में दहशत

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डिजिटल डेस्क : नेपाल में आए भूकंप से तिब्बत संग चीन में भी डोली धरती, भारत में आधा दर्जन राज्यों में दहशत। नेपाल में मंगलवार की सुबह आए तेज भूकंप के झटकों के चलते न केवल भारत के आधा दर्जन से अधिक राज्यों में धरती के डोलने को महसूस किया गया बल्कि तिब्बत के साथ चीन में कई हिस्सों में धरती के अंदर तेज कंपन हुआ।

चीन की समाचार एजेंसी ने साझा किया है कि  मंगलवार सुबह करीब 9 बजकर 5 मिनट पर (चीनी समयानुसार) दक्षिण-पश्चिम चीन के शिजांग स्वायत्त क्षेत्र के शिगात्से शहर के डिंगरी काउंटी के पास 7.0 तीव्रता का भूकंप आया है। नेपाल में भी भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 7.0 रही है।

नेपाल की सीमा के पास तिब्बत में भी भूकंप आया। भूकंप के झटके भारत के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया है कि नेपाल के लोबुचे से 90 किलोमीटर उत्तर पूर्व में 7.0 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र 10.0 किलोमीटर की गहराई पर था।

भारत-नेपाल सीमा से सटे कई इलाकों में तेज भूकंप से लोगों में दहशत

तिब्बत और नेपाल में मंगलवार सुबह-सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। दोनों देशों की सीमा से लगे इलाकों में सुबह छह बजकर 35 मिनट पर आए भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.1 मापी गई। भूकंप के झटके भारत के कई राज्यों में भी महसूस किए गए। इसकी जद में सबसे ज्यादा बिहार आया। इसके अलावा असम, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

इस दौरान डरे सहमे लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। यूएसजीएस भूकंप के मुताबिक, भूकंप का केंद्र लोबुचे से 93 किमी उत्तर पूर्व में था। फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

वहीं नेपाल के समय के हिसाब से मंगलवार सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में भूकंप आया। भूकंप के झटके काठमांडू के साथ-साथ धाडिंग, सिंधुपालचौक, कावरे, मकवानपुर और कई आसपास के जिलों में महसूस किए गए।

मंगलवार को आए भूकंप की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी साझा होने लगी हैं।
मंगलवार को आए भूकंप की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी साझा होने लगी हैं।

भूकंप के झटकों के चलते दहशत में लोग बिहार, यूपी और दिल्ली में घरों के बाहर निकले

बिहार में मंगलवार की सुबह भूकंप के जोरदार झटके लगे। भूकंप 7.01 तीव्रता का बताई गई है। बिहार की राजधानी पटना में सुबह करीब 6:32 बजे से झटके लगने शुरू हुए। पहले हल्के झटके लगे। उसके बाद तेजी से धरती हिली। सुबह में नींद में सोए लोग भूकंप के झटकों की वजह से जग गए। अचानक सोसायटी में दहशत का माहौल बन गया। लोग घरों से बाहर निकल कर खुले में पहुंच गए।

सुबह-सुबह भूकंप के झटके से लोग सहम गए। पटना, गोपालगंज, भागलपुर और आसपास के इलाकों में यह झटके महसूस किए गए। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गोपालगंज में सुबह 6:32 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह झटका कई सेकंड तक चला। लोग जब गहरी नींद में सो रहे थे, तभी अचानक धरती हिलने लगी। इससे लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए।

लोग नींद में सोए थे। कुछ लोग जगे हुए थे। लेकिन अचानक धरती कांपने लगी। धरती कांपने की वजह से लोगों की बेड हिलने लगे घर में लगे पंखे भी हिलने लगे। इससे लोगों की नींद टूट गई। लोग हड़बड़ी का घरों से बाहर निकले तो एक दूसरे से जब लोगों ने पूछा उन्हें भी उन्होंने भी भूकंप के झटके महसूस किया।

भूकंप के बाद चिंतित मुद्रा में लोग घरों के बाहर निकले।
भूकंप के बाद चिंतित मुद्रा में लोग घरों के बाहर निकले।

नेपाल में गोकर्णेश्वर से 3 किलोमीटर दूर था मंगलवार को आए तेज भूकंप का केंद्र

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल में गोकर्णेश्वर से 3 किलोमीटर दूर था। नेपाल के लोबुचे से 84 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में तिब्बत में भूकंप आने की जानकारी सामने आ रही है। भूकंप के केंद्र की गहराई धरती से 10 किलोमीटर नीचे थी। भूकंप की तीव्रता 7.1 मैग्नीट्यूड बताई जा रही है। भूकंप नेटवर्क ऐप के उपयोगकर्ताओं द्वारा भूकंप की सूचना दी गई।

गोकर्णेशवर में धरती से 10 किलोमीटर की गहराई में भूकंप का केंद्र था। भूकंप की तीव्रता 7.01 मैग्नीट्यूड बताई जा रही है। प्रारंभिक जानकारी नेपाल के लोबुचे से 84 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में 7.01 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। भूकंप की तीव्रता काफी ज्यादा होने से कई इलाकों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है।

भूकंप का समय सुबह का होने की वजह से लोग घरों में ही थे। लोगों ने तेज झटके महसूस किए तो घरों से बाहर भागे। भूकंप से जानमाल के नुकसान की जानकारी अभी सामने नहीं आई है। भूकंप की तीव्रता को देखते हुए कुछ इलाकों में नुकसान की आशंका है।

भूकंप के केंद्र और उसकी तीव्रता की बारीकी को जानें…

वैज्ञानिक भाषा में Earthquake यानी भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है।

लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा। इसी क्रम में भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है।

रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

धरती की परतों का ब्योरा
धरती की परतों का ब्योरा

हिमालय पर बसे नेपाल में बार-बार Earthquake यानी भूकंप आने के मायने समझें…

हाल के दिनों में भारत सहित कई देशों में भूकंप की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है। भूविज्ञानियों के मुताबिक, पृथ्वी सात टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। ये प्लेटें लगातार अपनी जगह पर घूमती रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी उनके बीच टकराव या घर्षण होता है। यही कारण है कि हमें भूकंप का अनुभव होता है।

धरती की परतों का ब्योरा चित्र में समझें।
धरती की परतों का ब्योरा चित्र में समझें।

साल 2015 में भी नेपाल में 7.8 से 8.1 तीव्रता वाले भूकंप के झटके आए थे। भूकंप का केंद्र पूर्वी नेपाल था। वाारणसी स्थित बीएचयू के भूविज्ञानियों का कहना है कि हिमालय रेंज में टेक्टोनिक प्लेट अस्थिर होने के चलते भूकंप के झटके महसूस होते रहेंगे।

भूकंप का सांकेतिक चित्रात्मक ब्योरा।
भूकंप का सांकेतिक चित्रात्मक ब्योरा।

बीएचयू के भूविज्ञानियों के मुताबिक, पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

 

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