Hazaribagh: गिरिडीह पुलिस और कोबरा बटालियन की संयुक्त कार्रवाई में गुरुवार को तीन कुख्यात माओवादी ढेर कर दिए गए थे, जिनमें एक करोड़ रुपये का इनामी सहदेव सोरेन भी शामिल था। सहदेव मांझी मुख्य रूप से हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के सुदरवर्ती गांव मंत्री का रहने वाला था।
Hazaribagh: शव लेने पहुंचे परिजन
शुक्रवार देर रात पोस्टमार्टम के बाद सहदेव सोरेन का शव परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया पूरी की गई। हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसकी पत्नी, दो बेटे, भाई और ग्रामीण शव लेने पहुंचे। परिजनों ने बताया कि सहदेव का पिछले 20-25 वर्षों से न तो गांव से कोई संबंध था और न ही परिवार से कोई संपर्क।
Hazaribagh: सहदेव की पत्नी ने कहा
उन्हें मुठभेड़ की जानकारी पहले सोशल मीडिया व समाचार चैनलों से मिली, बाद में पुलिस ने भी सूचना दी। सहदेव की पत्नी ने कहा कि वह मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करती हैं और बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास कर रही हैं। परिवार ने स्पष्ट किया कि वर्षों से नक्सली गतिविधियों से परिजनों का कोई जुड़ाव नहीं है।
शशांक शेखर की रिपोर्ट
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