Fatehpur: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से एक प्रेरणादायक और सिस्टम को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है, जहां शासन और प्रशासन की उदासीनता के चलते ग्रामीण महिलाओं ने खुद लकड़ी और बांस से नदी पर पुल बनाना शुरू कर दिया है।
Fatehpur: महिलाओं ने खुद उठाया पुल निर्माण का बीड़ा
यह मामला फतेहपुर की बिंदकी तहसील के देवमई ब्लॉक स्थित कृपालपुर गांव का है, जहां कलावती और सीमा देवी नाम की दो महिलाओं ने इस सराहनीय पहल की शुरुआत की। अब तक 80 हजार रुपये खर्च कर पुल निर्माण का कार्य किया जा चुका है। लकड़ी, बांस और पोल की मदद से अस्थायी पुल बनाया जा रहा है। इस काम में स्थानीय ग्रामीणों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है।
Fatehpur: 300 बच्चे नाव से जाते हैं स्कूल
बताया जा रहा है कि बरसात के मौसम में रिंद नदी उफान पर आ जाती है, और हर दिन लगभग 300 बच्चों को नाव के सहारे स्कूल जाना पड़ता है। कई बार हादसे भी हो चुके हैं, लेकिन सरकार और जनप्रतिनिधियों ने बार-बार मांग के बावजूद स्थायी पुल बनाने की दिशा में कोई पहल नहीं की। वहीं नदी पार ही खेत, चारा, पानी और अन्य जरूरी संसाधन हैं, जिनके लिए ग्रामीणों को दिन में कई बार नदी पार करनी पड़ती है। स्थायी पुल के अभाव में महिलाएं और बच्चे हमेशा खतरे में रहते हैं।
Fatehpur: महिलाओं का साहस बना मिसाल
इस कार्य ने कृपालपुर गांव की महिलाओं को ‘सशक्त ग्रामीण नेतृत्व’ का प्रतीक बना दिया है। यह प्रयास अब आसपास के कई गांवों के लिए भी मिसाल बन चुका है। ग्रामीणों ने भी सरकार से अपील की है कि स्थायी पुल का निर्माण जल्द शुरू किया जाए ताकि भविष्य में किसी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके।
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