पटनाः ऊर्जा ऑडोटोरियम में 2 जुलाई को देश के बहुप्रतीक्षित एवं बहुचर्चित संगीतमय नाटक “रामलला की माता” का मंचन किया जाएगा. विश्वविख्यात आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर जी की प्रेरणा से आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा रचित इस ऐतिहासिक नाटक के माध्यम से एक ममतामयी मां के अद्वितीय अमर प्रेम को दिखाया गया है. इसमें यह दिखाया गया है कि मां हमेशा मां होती है किसी भी परिस्थिति में मां कभी बुरी नहीं हो सकती. एक मां ही होती है जो युगों युगों के अपमान और अपयश का घूंट पीकर भी अपने पुत्र को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाने का साहस कर सकती है.
रामायण के दो पात्र कैकेयी और मंथरा, जिन्हें आज भी उनके स्वार्थ और लालच के लिए जाना जाता है। आज भी जनमानस के बीच इनकी छवि एक अच्छी माँ की नही है. लेकिन गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी ने इसे अलग तरीके से वास्तविक परिस्थितियों के अनुसार इसकी विवेचना की है तथा आर्ट ऑफ लिविंग ने इसे नए स्वरूप में प्रस्तुत करने का कार्य किया है.
आर्ट ऑफ़ लिविंग के आयोजन में रंगमंच और संगीत का समावेश लेकर प्रेरक दल आश्रम मंडली प्रस्तुति देगी. श्री श्री रविशंकर ने कैकेयी और मंथरा को एक अलग दृष्टिकोण में प्रस्तुत किया है. इसमें बताया गया है कि यदि रामायण में यह दो पात्र नहीं होते, तो श्रीराम रघुकुल के एक साधारण राजकुमार बनकर ही रह जाते, वे कभी भगवान राम नहीं बनते कभी मर्यादा पुरुषोत्तम नही कहलाते. पंकज मणि द्वारा लिखित और निर्देशित इस संगीतमय नाट्य प्रस्तुति में आध्यात्म नया नजरिया एवं मनोरंजन दोनों की बात होगी.
इस नाटक के माध्यम से महाकाव्य रामायण के कुछ अनछुए एवं अनजान पहलुओं पर एक अलग दृष्टिकोण से प्रकाश डालने का सफल प्रयास किया गया है. इस शो को देखने के बाद लोगों ने इसे काफी सराहा है. गीत, संगीत एवं रोमांच से भरपूर यह शो पहली बार पटना में किया जा रहा है. अभी तक देश के कई महत्वपूर्ण शहरों में इसकी सफल प्रस्तुति दी जा चुकी है. शो के लिए पास की व्यवस्था की गई है. पास ईस्ट बोरिंग कैनाल रोड के विश्वकर्मा हाउस (होटल ललिता के पीछे) अवस्थित आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है.