गाजीपुर : Gazipur in Action – पिता मुख्तार के कब्र पर फतिहा पढ़ने पहुंचे अब्बास अंसारी तो मुख्तार अंसारी के दो शूटरों को कोर्ट ने सुनाई सजा। सोमवार को गाजीपुर में सियासी, सामाजिक और कानूनी लिहाज से काफी हलचल वाला माहौल रहा। मऊ विधायक अब्बास अंसारी को कड़ी सुरक्षा में गाजीपुर जिला कारागार से उनके पैतृक आवास मुहम्मदाबाद ले जाया गया। वहां उन्होंने पिता मुख्तार अंसारी के कब्र पर फतिहा पढ़ा। इसी बीच दिवंगत माफिया मुख्तार अंसारी के शूटर अंगद और गोरा से जुड़े केस में सोमवार को फैसला सुनाया गया। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 5-5 साल की सजा सुनाई है।
पैरोल पर गाजीपुर आए हैं अब्बास अंसारी, फतिहा पढ़ने के बाद प्रार्थना सभा में हुए शामिल
कासगंज जेल में बंद मऊ विधायक अब्बास अंसारी पैरोल पर गाजीपुर आए हैं। वे रविवार की सुबह गाजीपुर जिला जेल के बैरक नंबर दस में पहुंचाए गए थे। सोमवार की सुबह अपने पैतृक गांव मुहम्मदाबाद के लिए रवाना हुए और फिर शाम छह बजे तक जेल वापस पहुंच रहे हैं। इससे पहले मऊ विधायक अब्बास अंसारी को कड़ी सुरक्षा में मुहम्मदाबाद वाले पैतृक आवास ले जाया गया। वहां अब्बास ने पिता मुख्तार अंसारी के कब्र पर फतिहा पढ़ा और प्रार्थना सभा में शामिल हुए। इससे पूर्व अब्बास पिता मुख्तार अंसारी की मौत पर 28 मार्च को आए थे।
गाजीपुर जेल के बैरक नंबर 10 में चौकस सुरक्षा में रखे गए हैं अब्बास
अब्बास अंसारी को 10, 11 और 12 जून की सुबह नौ बजे घर के लिए रवाना किया जाने और शाम छह बजे तक जिला कारागार वापस लाने की व्यवस्था की गई है। अब्बास अंसारी को 13 जून तक पैरोल मिली है। वह 28 मार्च को अपनी पिता मुख्तार अंसारी की मौत के बाद दूसरी बार प्रार्थना सभा में शामिल हुए। अब्बास को इस बार भी जिला जेल के बैरक नंबर 10 में रखा गया है। वहां की सुरक्षा कड़ी की गई है और सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है। उन्हें 12 जून तक जिला जेल में रखा जाएगा।
मुख्तार के शूटर अंगद राय और गोरा राय को तीन मामलों में हुई सजा
दूसरी ओर से अंसारी परिवार से जुड़ा दूसरा घटनाक्रम भी इस बीच गाजीपुर में सबकी जुबान पर रहा। गाजीपुर जनपद के टॉप 10 अपराधियों की सूची में शामिल और मुख्तार के शूटर अंगद राय व गोरा राय के मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट की अदालत में हुई। कोर्ट ने दोनों को 5-5 वर्ष की साधारण कारावास की सुनाई। साथ ही 10-10 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने बंदी से मारपीट और गाली गलौज के आरोप में भी अलग से 1-1 वर्ष की सजा से दंडित किया है जबकि जान से मारने की धमकी देने के आरोप में 2-2 वर्ष की सजा सुनाई है। कोर्ट ने एससी-एसटी के मामले में 5 साल की सजा व जुर्माना लगाया है। अर्थदंड न देने पर 1-1 माह की अतिरिक्त सजा भी भुगतना होगा । हालांकि जेल में बिताई गई सजा समायोजित होगी।
झाड़ू न लगाने पर दोनों शूटरों ने 15 साल पहले जेल में एक का हाथ तोड़ दिया था
शासकीय अधिवक्ता प्रदीप चतुर्वेदी ने बताया कि वादी जितेंद्र राम जिला कारागार में निरूद्ध था। 22 अप्रैल 2009 को कैदी अंगद राय व उमेश उर्फ गोरा राय जो बैरक नंबर 10 में रह रहे थे। वहां पर वादी रोजाना झाड़ू लगाने जाता था, लेकिन फोड़ा होने के कारण वादी सफाई करने नहीं गया। उसी पर वादी को बुलाकर मारापीटा, जिससे बायां हाथ टूट गया। दोनों आरोपियों द्वारा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़ित की सूचना पर कोतवाली में दोनों आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने उक्त मामले में दोनों आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। गवाही के समय गवाह प्रमोद गिरी उर्फ पप्पू गिरी को आरोपियों के द्वारा गवाही न करने के लिए जान से मारने की धमकी दी गई। तब गवाह ने आरोपियों के विरुद्ध थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। अभियोजन ने गवाह को सुरक्षा कराया और तब जाकर गवाह का न्यायालय में बयान अंकित हुआ। मुकदमे में कुल 7 लोगों की गवाही होने के बाद 7 जून को दोनों अभियुक्त गोरा राय व अंगद पर आरोप सिद्ध हुआ। अंगद राय और गोरा राय को जिला जेल भेजा गया।