Ghatshila: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले की घाटशिला विधानसभा सीट पर आज मतदान जारी है। यह उपचुनाव पूरे राज्य की सियासत के लिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस सीट का परिणाम आने वाले विधानसभा समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। चुनाव आयोग के मुताबिक 2 लाख 56 हजार 352 मतदाता इस उपचुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। इसके लिए 300 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। महिला मतदाता पुरुषों से अधिक इस चुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है।
- पुरुष मतदाता: 1,25,114
- महिला मतदाता: 1,31,235
- दिव्यांग मतदाता: 2,738
- ट्रांसजेंडर मतदाता: 3
यहां महिला मतदाताओं की बढ़ी हुई भागीदारी से मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।
सुरक्षा के सख्त इंतजाम:
शांतिपूर्ण मतदान के लिए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी पर तुरंत कार्रवाई हो सके। साथ ही, सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिस और प्रशासन की टीमों को चौकसी पर रखा गया है। जिला प्रशासन ने बताया कि संवेदनशील और अति-संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) को तैयार रखा गया है।
मुख्य मुकाबला बीजेपी और झामुमो के बीच:
घाटशिला उपचुनाव में कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मुकाबला मुख्य रूप से भाजपा के बाबूलाल सोरेन और झामुमो के सोमेश चंद्र सोरेन के बीच माना जा रहा है।
- बाबूलाल सोरेन — झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के पुत्र हैं।
- सोमेश चंद्र सोरेन — दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के बेटे हैं, जिनके निधन के बाद यह उपचुनाव कराया जा रहा है।
पिछले विधानसभा चुनाव में रामदास सोरेन ने बाबूलाल सोरेन को हराया था, इसलिए यह चुनाव सोरेन परिवार के बीच सीधा मुकाबला बन गया है।
मतदाताओं में उत्साह, आयोग ने की अपील:
सुबह से ही कई बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे लोकतंत्र के इस पर्व में अधिक से अधिक भागीदारी करें और मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराएं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि “मतदान प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष रहेगी। हर बूथ पर अधिकारी सतर्क हैं और सुरक्षा की समीक्षा लगातार की जा रही है।”
क्यों हो रहा उपचुनाव:
यह उपचुनाव दिवंगत विधायक रामदास सोरेन के निधन के बाद कराया जा रहा है। रामदास सोरेन झामुमो के वरिष्ठ नेता और झारखंड सरकार में शिक्षा मंत्री थे। उनके निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई, जिसके चलते निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की घोषणा की।
परिणाम पर टिकी नजरें:
घाटशिला उपचुनाव का नतीजा न सिर्फ इस सीट के लिए बल्कि झारखंड की राजनीति के लिए भी बड़ा संकेत देगा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता फिर सोरेन परिवार के किसी सदस्य को चुनते हैं या भाजपा को मौका देते हैं।
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