Tuesday, October 14, 2025
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Big Breaking : मुख्यमंत्री आवास पर हाईवोल्टेज ड्रामा , धरना पर बैठे जेडीयू विधायक गोपाल मंडल 

Big Breaking : मुख्यमंत्री आवास पर हाईवोल्टेज ड्रामा , धरना पर बैठे जेडीयू विधायक गोपाल मंडल  पटना : सीएम नीतीश आवास पर उस समय स्थिति असहज हो गई जब टिकट कटने से नाराज गोपालपुर के विधायक गोपाल मंडल धरने पर बैठ गये । इसको लेकर सीएम की सुरक्षा में लगे अधिकारियों की हाथ - पाव फूलने लगे हैं ।गौरतलब हो कि एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर कई विधायकों के नाम कट गये हैं तो कई विधायक की सीटे ही बदल दी गई है । टिकट कटने से नेताओं के पाला बदली का दौर जारी है वहीं सत्ताधारी दल के...

EPFO New Rules 2025: अब PF खाते से निकाल सकेंगे 100% राशि, Partial Withdrawal पर बड़ी राहत

EPFO ने PF निकासी नियमों में बड़ा बदलाव किया। अब सदस्य 100% तक राशि निकाल सकेंगे। शिक्षा, विवाह और आपात स्थिति में निकासी आसान हुई।EPFO New Rules 2025: नई दिल्ली: देश के सात करोड़ से अधिक ईपीएफओ (EPFO) सदस्यों के लिए राहत की बड़ी खबर आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने सोमवार को PF Withdrawal Rules में अहम संशोधन को मंजूरी दे दी है। अब सदस्य अपने ईपीएफ खाते से निकासी योग्य राशि का 100% तक निकाल सकेंगे, बशर्ते खाते में 25% न्यूनतम बैलेंस बना रहे।EPFO New Rules 2025 श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की...

गोपालगंज बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष ने किया बगावत का ऐलान, निर्दलीय ही आजमायेंगे भाग्य

गोपालगंज बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष ने किया बगावत का ऐलान, निर्दलीय ही आजमायेंगे भाग्य गोपालगंज : जिले की राजनीति में हलचल मचाने वाली बड़ी खबर सामने आई है । भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव ने पार्टी के खिलाफ बगावत का ऐलान कर दिया है । अब निर्दलीय है मैदान में उतरने जा रहे हैं । उन्होंने ऐलान किया है कि वे 17 अक्टूबर को गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र (संख्या 101) से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करेंगे ।टिकट कटने पर जतायी नाराजगी, वर्षों की निष्ठा और ईमानदारी का मिला फल भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर अनूप...

Ghatsila Bypoll 2025: रामदास सोरेन के बेटे Somesh ने Nomination Form खरीदा, बोले- “पार्टी के कहने पर लिया

घाटशिला उपचुनाव 2025 में झामुमो नेता स्व. रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश ने नामांकन पत्र खरीदा। बोले— पार्टी के कहने पर लिया, निर्दलीय अफवाह बेबुनियाद।घाटशिला उपचुनाव में झामुमो की रणनीति स्पष्ट—सोमेश सोरेन के नाम पर सहानुभूति और जनाधार दोनों साधने की कोशिश। भाजपा-आजसू भी मैदान में सक्रिय।


Ghatsila Bypoll 2025 : घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी गई। इसी के साथ चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। झामुमो के संभावित प्रत्याशी और स्वर्गीय पूर्व मंत्री रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन ने नामांकन पत्र खरीदा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पर्चा उन्होंने पार्टी के कहने पर ही लिया है, न कि निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर।

सोमेश ने कहा, “जब कोई भी उम्मीदवार नामांकन पत्र खरीदता है तो वह अपने व्यक्तिगत नाम से ही खरीदता है। पार्टी का सिंबल बाद में एलॉट होता है। कुछ लोग इसे गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं। मैं झामुमो का कार्यकर्ता हूं और पार्टी के निर्णय का पालन कर रहा हूं।”

जानकारी के अनुसार, सोमेश सोरेन ने चार सेट नामांकन पत्र खरीदे हैं। उनके अलावा तीन अन्य उम्मीदवारों— रामकृष्णा कांति महली, परमेश्वर टुडू और नारायण सिंह— ने भी पर्चा लिया है। हालांकि, पहले दिन किसी ने औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल नहीं किया।

झामुमो सूत्रों के मुताबिक, पार्टी में अभी अंतिम उम्मीदवार पर चर्चा जारी है। पार्टी नेतृत्व दिवंगत रामदास सोरेन के परिवार को सम्मान देने के मूड में है, इसलिए सोमेश का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है।

घाटशिला विधानसभा उपचुनाव 2025 झारखंड की राजनीति में एक बड़ी परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। झामुमो के लिए यह सीट सिर्फ सत्ता की मजबूती का सवाल नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव और परंपरा का भी प्रतीक बन चुकी है। पार्टी दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद अब उनके बेटे सोमेश सोरेन को आगे लाकर संगठन और सहानुभूति—दोनों को साधने की रणनीति पर काम कर रही है।

Ghatsila Bypoll 2025:  पारिवारिक भावनाओं पर झामुमो का दांव

झामुमो का यह कदम कई मायनों में रणनीतिक है। पार्टी मानती है कि घाटशिला क्षेत्र में रामदास सोरेन का जनाधार मजबूत था। जनता के बीच उनकी साफ छवि और जमीनी जुड़ाव ने वर्षों तक झामुमो को यहां टिकाए रखा। अब उनके पुत्र सोमेश को उतारना उसी विश्वास की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश है।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि हेमंत सोरेन ने व्यक्तिगत रूप से घाटशिला सीट पर विशेष रुचि ली है। वे चाहते हैं कि यह सीट झामुमो के हाथ से न निकले, क्योंकि यह पूर्वी सिंहभूम जिले की राजनीतिक नब्ज मानी जाती है।

Ghatsila Bypoll 2025: विपक्ष की रणनीति और समीकरण

दूसरी ओर, भाजपा और आजसू पार्टी ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। भाजपा इस सीट पर जनजातीय समाज के भीतर पैठ बनाने के लिए स्थानीय चेहरों पर विचार कर रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि वह इस चुनाव को “सोरेन परिवार बनाम जनता” की लड़ाई के रूप में पेश कर सकती है।

आजसू पार्टी, जो पारंपरिक रूप से घाटशिला में कमजोर रही है, भाजपा से तालमेल के तहत ट्राइबल यूनिटी कार्ड खेलने की योजना में है। दोनों दल झामुमो की सहानुभूति लहर को “परिवारवाद की राजनीति” बताकर काउंटर करने की कोशिश करेंगे।

Ghatsila Bypoll 2025: जनजातीय वोट बैंक का गणित

घाटशिला क्षेत्र की लगभग 60 प्रतिशत आबादी आदिवासी समुदाय से जुड़ी है। यही वजह है कि हर दल इस समुदाय के भीतर पैठ जमाने की कोशिश कर रहा है। झामुमो के लिए यह सीट केवल एक विधानसभा क्षेत्र नहीं बल्कि आदिवासी अस्मिता की पहचान भी है।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर सोमेश सोरेन को टिकट मिलता है, तो “सहानुभूति + संगठन” की डबल ताकत उन्हें शुरुआती बढ़त दे सकती है।

Ghatsila Bypoll 2025: पार्टी के अंदरूनी समीकरण और हेमंत सोरेन की भूमिका

हालांकि झामुमो के अंदर उम्मीदवार चयन को लेकर कुछ असंतोष की खबरें भी हैं। कुछ कार्यकर्ता मानते हैं कि पार्टी को परिवार से बाहर किसी पुराने कार्यकर्ता को मौका देना चाहिए था। लेकिन नेतृत्व का तर्क है कि सोमेश को उतारना “परिवार नहीं, परंपरा” को बनाए रखने जैसा कदम है।

हेमंत सोरेन अंतिम निर्णय लेने से पहले स्थानीय कार्यकर्ताओं और जिला नेतृत्व से राय ले रहे हैं। फिलहाल सोमेश ने चार सेट नामांकन पत्र खरीदकर संकेत दे दिया है कि पार्टी उन्हें ही टिकट देने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

अगर झामुमो घाटशिला सीट जीत लेती है, तो यह आने वाले 2026 विधानसभा चुनावों से पहले संगठनात्मक मनोबल को बढ़ाएगा। लेकिन अगर हार होती है, तो इसे विपक्ष “सत्ता विरोधी लहर” और “परिवारवाद की असफलता” के रूप में पेश करेगा।


Key Highlights:

  • घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के लिए अधिसूचना सोमवार को जारी हुई।

  • झामुमो के संभावित प्रत्याशी सोमेश सोरेन ने चार सेट नामांकन पत्र खरीदे।

  • सोमेश ने कहा— “निर्दलीय नहीं, पार्टी के निर्देश पर पर्चा लिया है।”

  • अफवाहों पर बोले— “पार्टी का सिंबल बाद में एलॉट होता है।”

  • पहले दिन किसी उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया।

  • अन्य तीन उम्मीदवारों ने भी नामांकन पत्र खरीदा।


इधर बिहार की राजनीति में भी हलचल तेज है। एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। जदयू और भाजपा अपने-अपने नाराज नेताओं को साधने में जुटे हैं। वहीं, ‘रालोमो’ और ‘हम’ जैसे छोटे घटक दलों में असंतोष खुलकर सामने आया है।

उधर, इंडिया गठबंधन में भी सीट बंटवारे का मामला सुलझ गया है। दिल्ली में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की मुलाकात के बाद अब मंगलवार को पटना में अंतिम सहमति बनने की संभावना है।

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