रांची. झारखंड में नगर निकाय चुनाव के आरक्षण निर्धारण को लेकर उठे विवाद पर झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को अहम सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह मामला शांतनु कुमार चंद्रा उर्फ बबलू पासवान की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया।
झारखंड में नगर निकाय चुनाव में आरक्षण पर हाईकोर्ट में सुनवाई
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बिनोद सिंह ने अदालत को बताया कि नगर निकायों में विभिन्न पदों के लिए आरक्षण तय करने में अनियमितता बरती गई है। उनका कहना है कि किसी भी पद का आरक्षण संबंधित जाति की जनसंख्या के आधार पर होना चाहिए, लेकिन मौजूदा आरक्षण सूची में इसका पालन नहीं किया गया है।
बताया जा रहा है कि, नगर निकाय चुनाव में आरक्षण को दो केटेगरी में बांट दिया गया है। गिरिडीह में SC को आरक्षण दिया गया है, जबकि रांची नगर निगम में महापौर का पद ST के लिए आरक्षित रखा गया है। वहीं धनबाद नगर निगम में SC के स्थान पर अनारक्षित रखा गया है।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि आरक्षण तय करने में पारदर्शिता नहीं बरती गई और सरकार ने जातीय जनसंख्या के वास्तविक आंकड़ों को नजरअंदाज कर दिया। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को करेगा।
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