रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आदिवासी नेता रामदास सोरेन को मंत्री के रूप में शपथ दिलाई। इस कदम से मुख्यमंत्री ने आदिवासी समुदाय को महत्वपूर्ण सम्मान देने का संकेत दिया है। इस निर्णय पर राजनीतिक जगत में विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, खासकर चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की खबरों के बीच।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस निर्णय का स्वागत करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि रामदास सोरेन एक अनुभवी नेता हैं, जिन्होंने सदन में अपनी कुशलता साबित की है। अंसारी ने भाजपा द्वारा चंपई सोरेन को ‘जोकर’ बनाए जाने की आलोचना करते हुए कहा कि यह आदिवासी समुदाय के प्रति भाजपा का अपमान है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चंपई सोरेन ने भाजपा के साथ अपने जुड़ाव के दौरान आदिवासी मुद्दों की उपेक्षा की है और अब उन्हें भाजपा के ‘सर्कस’ का हिस्सा बनाया गया है।
इससे पहले, चंपई सोरेन ने भाजपा में शामिल होने की बात कही थी और पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाए थे। उनका इस्तीफा और भाजपा में शामिल होने की बात अब झारखंड की राजनीति में चर्चा का विषय बन गई है। इरफान अंसारी ने कहा कि चंपई सोरेन की भाजपा में जाना एक ‘बड़ी भूल’ थी और यह आदिवासी समुदाय की अवहेलना का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नए मंत्री रामदास सोरेन को पद पर नियुक्त करके आदिवासी समाज को एक महत्वपूर्ण सन्देश दिया है। रामदास सोरेन की नियुक्ति से यह उम्मीद जताई जा रही है कि आदिवासी मुद्दों पर नई योजनाएं और कार्यक्रम अधिक प्रभावी ढंग से लागू होंगे।