रांची : अवैध खनन मामले में हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी- झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के
Highlights
करीबियों द्वारा शेल कम्पनी में निवेश मामले में हाई कोर्ट के
चीफ जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की सुनवाई हुई.
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता तुषार मेहता ने
अदालत को बताया कि हाल के दिनों में एजेंसी ने राज्य में कार्रवाई की है.
जिसमें कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जिसे वह कोर्ट में पेश करना चाहते हैं.
दस्तावेज जमा करने का निर्देश
इस पर अदालत ने उन्हें सील बंद लिफाफे में रजिस्ट्रार जनरल के यहां उक्त दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया है. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि राज्य के समाचार पत्रों में हर दिन इस बात की खबरें आती हैं कि राज्य में अवैध खनन हो रहा है ना सिर्फ बालू, स्टोन चिप्स बल्कि कोयले के अवैध खनन की भी बातें आती हैं, जो काफी चिंताजनक है.
रांची डीसी की ओर से शपथ पत्र दायर करने पर अदालत ने उठाया सवाल
इस मामले में रांची डीसी की ओर से शपथ पत्र दायर करने पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि इस मामले में खनन विभाग के कोई जिम्मेदार अधिकारी शपथ पत्र दायर करेंगे. अदालत ने सवाल उठाया कि क्या रांची उपायुक्त को खनन विभाग की सारी जानकारी है जिसको देखते हुए उन्होंने शपथ पत्र दाखिल किया है.
17 मई को फिर होगी सुनवाई
इस दौरान राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइंस के अनुसार यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. जिस पर अदालत ने कहा कि उन्हें भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा. इसके बाद अदालत ने 17 मई को इस मामले की सुनवाई की तिथि निर्धारित की है. इस इस दिन सीएम द्वारा माइनिंग लीज दिए जाने के मामले की भी सुनवाई होगी.
रिपोर्ट: प्रोजेश दास