रांची : झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में ट्यूटर नियुक्ति मामले में
सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में रिम्स से जवाब मांगा है.
मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.
प्रार्थी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रिम्स में ट्यूटर की
नियुक्ति के नियमावली को चुनौती दी गई है.
याचिका में कहा गया है कि डेंटल इंस्टीट्यूट में ट्यूटर की की अवधि 3 साल नहीं की जा सकती है.
28 मार्च 2017 को निकला था विज्ञापन
रिम्स में 28 मार्च 2017 को विज्ञापन निकला था. यह विज्ञापन 19 फरवरी 2016 के विस्तार में निकाला गया था. इसमें स्पष्ट किया गया कि रिम्स के डेंटल विभाग में तीन वर्षों के लिए ट्यूटर की नियुक्ति होनी है. दिए गए नियुक्ति पत्र में किसी प्रकार की प्रोन्नति या विस्तार की मांग नहीं मानने का भी जिक्र था. इसके बाद राज्य सरकार ने असाधारण गजट प्रकाशित कर कहा था कि ट्यूटर, सीनियर रेसिडेंट का पद तीन वर्षों के लिए ही मान्य होगा. याचिकाकर्ताओं को पोस्ट को ब्लाक रखने की इजाजत नहीं दी जायेगी.
तीन वर्षों के बाद हटा दिया गया
रिम्स प्रबंधन अगले बैच के ट्यूटर और सीनियर रेसिडेंट्स के पदों के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू करे. सभी पोस्ट ग्रैजुएट छात्रों को सहायक प्रोफेसर के पद पर यानी इंट्री लेवल के पदों पर तीन वर्ष की समाप्ति के बाद नियुक्त किया जाये. याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि उन्हें तीन वर्षों के बाद हटा दिया गया. इसके बाद उन लोगों ने स्वास्थ्य सचिव से लेकर कई जगहों पर स्थायीकरण की मांग को लेकर अपना आवेदन दिया, पर सुनवाई नहीं हुई.
रिपोर्ट: प्रोजेश दास