डिजीटल डेस्क : Manipur में शांति बहाली के हरसंभव सकारात्मक प्रयास हों, गृह मंत्री अमित शाह का निर्देश। Manipur में फिर से सुलगी नस्लीय हिंसा से बिगड़ते हालात को देखते हुए सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई।
बैठक में हालात संबंधी अद्यतन रिपोर्ट और इनपुट्स का विश्लेषण करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने जरूरी निर्देश दिए। अमित शाह ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और Manipur राज्य पुलिस को निर्देश दिया है कि वे राज्य में शांति बहाल करने की दशा में हरसंभव सकारात्मक प्रयास करें।
दूसरी ओर, इस बीच Manipur के लोगों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के यह प्रयास और अधिक होने चाहिए तभी Manipur शांति बहाल होने की तरफ चलेगा वर्ना हालात बद से और बदतर होंगे।
अमित शाह की अध्यक्षता में डेढ़ घंटे चली हाई-लेवल मीटिंग
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को करीब डेढ़ घंटे तक चली इस हाई लेवल मीटिंग में तमाम वरिष्ठ अधिकारियों से उन सभी इलाकों की समीक्षा करने के आदेश दिए गए जहां-जहां हिंसा हो रही है।
इसके अलावा सुरक्षाबलों और पुलिस की प्रभावित इलाकों में अधिक से अधिक तैनाती और सीएपीएफ और Manipur पुलिस से राज्य में शांति-व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में Manipur के पिछले साल मई से भड़की जातीय हिंसा के बाद 11 नवंबर को फिर से सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 10 संदिग्ध उग्रवादियों के बाद फिर से भड़की हिंसा से लेकर अब तक के हालातों का सिक्योरिटी रिव्यू किया गया।
सोमवार को हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, एनएसए अजित डोभाल, आईबी चीफ तपन डेका, सीआरपीएफ, बीएसएफ और असम राइफल के आला अधिकारियों समेत मंत्रालय के अन्य आला अधिकारी मौजूद थे।

Manipur घाटी में मंगलवार तक के लिए पॉवर कट के साथ ही स्कूल-इंटरनेट सेवा बंद
Manipur घाटी में फिर से सुलगी हिंसा को लेकर कुकी समुदाय वाले 11 नवंबर की मुठभेड़ को फर्जी बता रहे हैं। उनका कहना है कि वह उनके शवों का उस वक्त तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब तक की उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिल जाती। कुकी समुदाय का कहना है कि उन्हें शक है कि सुरक्षाबलों ने उन्हें पकड़कर मारा।
वहीं, 11 नवंबर को ही मैतेई समुदाय के 6 लोगों के लापता होने के बाद से इनके मिले 5 शवों के बाद से हिंसा तेज हो गई है। प्रदर्शनकारी विधायकों और मंत्रियों के घरों पर हमला कर रहे हैं। बीते रविवार रात को सुरक्षाबलों के साथ हुई झड़प में एक युवक की मौत होने की बात कही गई है।
Manipur घाटी में नए सिरे से भड़कती हिंसा और बिगड़ते हालातों को देखते हुए पूरे Manipur घाटी में 18 और 19 नवंबर को तमाम स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इंटरनेट सेवा पहले से ही बंद है। पावर कट किए जा रहे हैं खासतौर से रात के वक्त। Manipur में भड़की हिंसा का असर अब लोगों के काम-धंधों पर भी पड़ने लगा है।
खासतौर से दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा होने लगा है। इसमें मैतेई, कुकी, नागा और अन्य तमाम समुदाय के लोगों के सामने अब जीवन यापन करने की गंभीर चुनौती पैदा होने लगी है। लोगों का कहना है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो कुछ परिवारों के सामने रोजी-रोटी का बड़ा संकट पैदा होने वाला है। लोग घरों से निकलते हुए डर रहे हैं।

Manipur में शांति बहाली के लिए नई तैनाती के साथ केंद्रीय बलों के कुल 26 हजार 800 जवान मुस्तैद
Manipur में हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। इसे रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपना चुनावी दौरा रद्द कर बीते रविवार को अचानक दिल्ली लौटे और वहां के हालातों पर सिक्योरिटी रिव्यू किया। अगले दिन आज सोमवार को भी अमित शाह ने आला अधिकारियों के साथ फिर से हाई लेवल मीटिंग बुलाई।
इसमें Manipur के प्रभावित इलाकों में 5 हजार जवानों की नफरी वाली सीएपीएफ की 50 और कंपनियां भेजने के लिए कहा गया है। इससे पहले गृह मंत्रालय ने 13 नवंबर को सीएपीएफ की 20 कंपनियां भेजी थी। सीएपीएफ की 50 और कंपनियां भेजने के बाद Manipur राज्य में सीएपीएफ की 268 कंपनियां हो जाएंगी।
इसमें पांच हजार जवानों की संख्या और बढ़ने के साथ राज्य के प्रभावित इलाकों में जवानों की यह तैनाती 26 हजार 800 की हो जाएगी। 50 कंपनियों में सबसे अधिक कंपनियां सीआरपीएफ की भेजने की बात बताई जा रही है। बाकी, बीएसएफ और अन्य सुरक्षाबलों की कंपनियां Manipur में भेजी जा रही हैं।
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