डिजिटल डेस्क : संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को खूब सुनाई खरीखोटी, कहा – उसे गुजारे के लिए दान की जरूरत। स्विट्जरलैंड के जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की बैठक में भारत ने पाकिस्तान को जमकर खरीखोटी सुनाई।
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UNHRC में पाकिस्तानी कानून मंत्री आजम नजीर तरार की ओर से जम्मू और कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों के जवाब में जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान की बघिया उघेड़ दी।
क्षितिज त्यागी ने कहा कि – ‘पाकिस्तान को आज के दौर में गुजारा करने के लिए दान की जरूरत है। वह पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है। वह किसी को भी ज्ञान देने की स्थिति में नहीं है।’
‘भारत ने पाकिस्तान को बताया एक फेल मुल्क…’
UNHRC की बैठक में भारत के स्थायी मिशन क्षितिज त्यागी ने कहा कि- ‘…पाकिस्तान एक फेल मुल्क है। वह अंतरराष्ट्रीय दान पर टिका है। आतंकवादियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान लगातार झूठ फैला रहा है। यह फेल मुल्क ओआईसी का समय भी बर्बाद कर रहा है।
…मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले पाकिस्तान को उपदेश देने की जरूरत नहीं है। यह देखना दुखद है कि पाकिस्तान के नेता और प्रतिनिधि अपने सैन्य आतंकवादी समूह के झूठ को लगातार फैलाने में जुटे हैं। पा
…किस्तान ओआईसी को अपने मुखपत्र के रूप में इस्तेमाल करके उसका मजाक उड़ा रहा है। पाकिस्तान की बयानबाजी पाखंड, अमानवीयता और अक्षमता से भरी हुई है। पाकिस्तान अपने घरेलू संकटों को दूर करने में पूरी तरह से असफल रहा है।
….इसके बावजूद वह अपने बेतुके और गैरजिम्मेदाराना रवैये से बाज नहीं आ रहा है। जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश भारत के अभिन्न अंग हैं और रहेंगे।’

त्यागी बोले – पाकिस्तान को भारत से सीखना चाहिए…
UNHRC की बैठक में भारत के स्थायी मिशन क्षितिज त्यागी ने आगे कहा कि- ‘…भारत लोकतंत्र, प्रगति और अपने लोगों के लिए सम्मान सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। इन मूल्यों से पाकिस्तान को सीखना चाहिए।
…जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग बने रहेंगे। पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रगति अपने आप में बहुत कुछ कहती है।
…ये सफलताएं दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से पीड़ित इस क्षेत्र में सामान्य स्थिति लाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर लोगों के भरोसे का प्रमाण हैं। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश हमेशा भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग बने रहेंगे।
…पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रगति अपने आप में बहुत कुछ कहती है। ये सफलताएं दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से पीड़ित इस क्षेत्र में सामान्य स्थिति लाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता में लोगों के भरोसे का प्रमाण हैं।
…एक ऐसे देश के रूप में जहां मानवाधिकारों का हनन, अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और लोकतांत्रिक मूल्यों का व्यवस्थित क्षरण राज्य की नीतियों का हिस्सा है और जो बेशर्मी से संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों को पनाह देता है, पाकिस्तान किसी को भी उपदेश देने की स्थिति में नहीं है।’

‘पाकिस्तान के पास मानवाधिकारों पर बोलने की कोई विश्वसनीयता नहीं…’
UNHRC की बैठक में भारत के स्थायी मिशन क्षितिज त्यागी यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि – ‘…पाकिस्तान की बयानबाजी पाखंड, अमानवीयता और अक्षमता से भरी हुई है।
…अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न, राजनीतिक असहमति को दबाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादियों को पनाह देने के अपने ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए पाकिस्तान के पास मानवाधिकारों या लोकतंत्र पर बोलने की कोई विश्वसनीयता नहीं है।

…भारत के प्रति अपने भ्रष्ट जुनून के बजाय पाकिस्तान को अपने लोगों को वास्तविक शासन और न्याय मुहैया करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस परिषद का समय एक असफल राज्य द्वारा बर्बाद किया जा रहा है, जो अस्थिरता पर पनपता है और अंतरराष्ट्रीय सहायता पर गुजर-बसर करता है।
…इसकी बयानबाजी पाखंड, अमानवीयता और अक्षमता से भरी शासन व्यवस्था से भरी है। पाकिस्तान हमेशा कश्मीर और भारत के बारे में झूठ फैलाता आ रहा है।
…यह आश्चर्यजनक नहीं है कि पाकिस्तान के नेता अपने सैन्य-आतंकवादी परिसर से झूठ फैलाना जारी रखते हैं। पाकिस्तान को भारत के प्रति अपनी नफरत से आगे बढ़ना चाहिए और उन मुद्दों का समाधान करना चाहिए।’