पटना : जातीय जनगणना पर समर्थन देने के बाद बीजेपी ने की ये मांग- नीतीश कैबिनेट की
बैठक में तय हुआ कि छह महीने के अंदर जातीय जनगणना कराई जाएगी.
बीजेपी इस फैसले के साथ है, लेकिन इस समर्थन से अंदर टीस झलक रही है.
जातीय जनगणना कराने के साथ बीजेपी ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग कर दी है.
मंत्री नीरज सिंह बबलू ने कहा कि इससे स्पष्ट हो जायेगा कि किस समाज के कितने लोग हैं.
खासकर मुसलमानों की संख्या का भी पता चल जायेगा.
किस प्रकार से राज्य में इनकी संख्या बढ़ी, इसका पता चल जायेगा. जो घुसपैठिये हैं उनकी भी गिनती होनी चाहिए.
बीजेपी की मांग को जेडीयू ने ठुकराया
वहीं बीजेपी की मांग को जेडीयू ने ठुकराया दिया है. नीतीश कैबिनेट में मंत्री नीरज सिंह बब्लू ने जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग की तो इसके जवाब में जेडीयू ने कहा इसकी जरूरत नहीं. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा की बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पहले ही साफ कर दिया है.
अपने खर्चे से जनगणना करायेगी सरकार
बिहार अपने खर्च पर राज्य में जाति आधारित गणना कराएगा. इस कार्य पर 500 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है, जिसका प्रावधान बिहार आकस्मिकता निधि से किया जाएगा. वर्ष 2023 के फरवरी माह तक गणना पूरी करने का लक्ष्य तय किया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में जाति आधारित गणना कराने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई.
गणना कराने का संपूर्ण प्रभार जिलाधिकारी पर होगा- सीएस
बैठक के बाद मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार के सतर पर जाति आधारिरत गणना कराने की जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग की होगी. वहीं जिला स्तर पर जिलाधिकारी इसके नोडल पदाधिकारी होंगे. जिले में गणना कराने का संपूर्ण प्रभार जिलाधिकारी पर ही होगा. सामान्य प्रशासन विभाग एवं जिलाधिकारी ग्राम, पंचायत एवं उच्चतर स्तरों पर विभिन्न विभागों के अधीनस्थ कार्य करने वाले कर्मियों की सेवाएं जाति आधारित गणना का कार्य कराने के लिए ले सकेंगे.
रिपोर्ट: शक्ति