रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए सभी को चौंका दिया है। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर आए रुझानों के अनुसार, तेजस्वी यादव की पार्टी 6 में से 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। यह न केवल पार्टी के लिए बल्कि पूरे महागठबंधन के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
Highlights
2019 से 2024: RJD की मजबूत वापसी
2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में RJD को केवल एक सीट, चतरा, पर जीत मिली थी। उस समय सत्यानंद भोक्ता ने पार्टी का अकेला परचम लहराया था। लेकिन इस बार, महागठबंधन में सीटों के बंटवारे के तहत RJD को 6 सीटें दी गईं, जो पार्टी के लिए बड़ा मौका साबित हुआ।
तेजस्वी यादव की रणनीति और जमीनी स्तर पर किए गए प्रयासों ने झारखंड में RJD के जनाधार को मजबूत किया। खासकर आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में पार्टी ने अपनी पकड़ मजबूत करते हुए भाजपा के खिलाफ एक सशक्त विकल्प के रूप में खुद को स्थापित किया।
महागठबंधन और RJD का प्रभाव
झारखंड में कांग्रेस, झामुमो और RJD का महागठबंधन पहले से ही भाजपा के खिलाफ एकजुट है। RJD को मिली सीटों पर पार्टी ने बेहतर संगठन, मजबूत उम्मीदवार और आक्रामक प्रचार अभियान के जरिए बढ़त बनाई। इन 6 सीटों पर RJD ने भाजपा के मौजूदा विधायकों को कड़ी टक्कर दी है।
तेजस्वी यादव की रणनीति की जीत
तेजस्वी यादव ने झारखंड में न केवल अपनी पार्टी के लिए प्रचार किया बल्कि गठबंधन के अन्य दलों के लिए भी जनता का समर्थन जुटाया। उन्होंने युवाओं, बेरोजगारी, और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों को केंद्र में रखते हुए एक प्रभावी अभियान चलाया।
झारखंड की राजनीति में बढ़ेगा RJD का कद
यदि यह बढ़त नतीजों में बदलती है, तो RJD के लिए झारखंड में यह चुनाव एक ऐतिहासिक मोड़ साबित होगा। यह प्रदर्शन पार्टी के भविष्य के लिए न केवल राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
संभावित नतीजों का महागठबंधन पर असर
महागठबंधन के भीतर RJD के इस प्रदर्शन से पार्टी की भूमिका और अधिक मजबूत होगी। झारखंड जैसे राज्य में जहां अब तक भाजपा और झामुमो का प्रभुत्व रहा है, RJD का उभार महागठबंधन को नई ऊर्जा देगा।
झारखंड में RJD का यह शानदार प्रदर्शन राज्य की राजनीतिक गणित को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।