रांची: झारखंड सरकार ने डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) पद की नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए अब यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) को अफसरों के नाम का पैनल भेजने की परंपरा समाप्त करने का फैसला लिया है। इसके स्थान पर, हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी की अनुशंसा के आधार पर नियुक्ति की जाएगी।
सरकार ने डीजीपी पद की नियुक्ति के लिए एक नई नियमावली का प्रस्ताव तैयार किया है। गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा तैयार इस नियमावली को कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार और विधि विभाग ने अपनी सहमति दे दी है। हालांकि, प्रस्ताव को हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में पेश नहीं किया जा सका, लेकिन इसे जल्द ही मंजूरी के लिए लाया जाएगा।
नई प्रक्रिया और नियमावली का स्वरूप
- झारखंड सरकार ने यूपी, पंजाब और तेलंगाना जैसे राज्यों की नियमावलियों का अध्ययन कर इस नई नीति का प्रारूप तैयार किया है।
- अब, रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी, यूपीएससी से चयनित अफसरों में से एक नाम की अनुशंसा करेगी।
- कमेटी द्वारा चयन प्रक्रिया में अधिकारी के अनुभव, कार्यक्षमता और सेवा रिकॉर्ड का मूल्यांकन किया जाएगा।
पहले, राज्य सरकार डीजेपी नियुक्ति के लिए यूपीएससी को तीन नामों का पैनल भेजती थी। यूपीएससी इन पर विचार कर एक नाम की सिफारिश करता था, जिसके आधार पर नियुक्ति होती थी। लेकिन अब इस प्रक्रिया में बदलाव लाते हुए, राज्य सरकार सीधे नियुक्ति के लिए निर्णय लेगी।
गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव को कैबिनेट में लाने की तैयारी हो रही है। राज्य सरकार की इस नई पहल को पारदर्शिता और राज्य-स्तरीय अधिकारिता बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
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