Jharkhand High Court Action: कफ सिरप और Narcotic Drugs की बिना पर्ची बिक्री पर कड़ा निर्देश , Statewide Crackdown Begins

झारखंड हाइकोर्ट ने कफ सिरप और नशीली दवाओं की अवैध बिक्री पर रोक लगाते हुए राज्य में छापेमारी का आदेश दिया है। तीन सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है।


Jharkhand High Court Action रांची: झारखंड में कफ सिरप और नशीली दवाओं के बढ़ते दुरुपयोग को गंभीर मानते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियों को तत्काल सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने कहा कि राज्य में बिना वैध डॉक्टर पर्ची के किसी भी कफ सिरप या नशीली दवा की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित होनी चाहिए।

यह निर्देश उस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी हुआ, जिसे सुनील कुमार महतो ने दायर किया है। याचिकाकर्ता ने बताया कि स्कूली बच्चों के बीच खांसी की सिरप और अन्य नशीले पदार्थों का दुरुपयोग बढ़ता जा रहा है। कई दुकानों पर यह सिरप डॉक्टर के पर्चे के बिना खुलेआम बेची जा रही है, जिससे स्वास्थ्य जोखिम बढ़ रहा है।


Key Highlights

  • झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में कफ सिरप और नशीली दवाओं की अवैध बिक्री रोकने का निर्देश दिया

  • बिना वैध डॉक्टर पर्ची के किसी भी कफ सिरप व intoxicant दवा की बिक्री पर रोक

  • दवा कंपनियों, मेडिकल स्टोर और कफ सिरप बेचने वाली दुकानों पर तुरंत छापेमारी का आदेश

  • स्टॉक रजिस्टर, सप्लाई रजिस्टर और बिलिंग की विस्तृत जांच करने को कहा गया

  • स्कूली बच्चों में कफ सिरप के दुरुपयोग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई

  • तीन सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी


Jharkhand High Court Action

अदालत ने इस मुद्दे को अत्यंत गंभीर मानते हुए राज्य सरकार को तुरंत दवा कंपनियों, मेडिकल स्टोरों और कफ सिरप बेचने वाली दुकानों पर छापेमारी करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने साफ कहा कि छापेमारी के दौरान सभी दुकानों के स्टॉक रजिस्टर, सप्लाई रजिस्टर और बिलिंग की पूरी जांच की जाए। अगर किसी दुकान में अनियमितता पाई जाए, तो सख्त कार्रवाई की जाए।

Jharkhand High Court Action

हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना कानूनी पर्चे के किसी भी प्रकार की कफ सिरप या नशीली दवा की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। सभी जिलों के संबंधित अधिकारी इस दिशा में ठोस कदम उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि राज्य में कोई भी मेडिकल स्टोर इस नियम का उल्लंघन न करे।

अदालत ने राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर की गई कार्रवाइयों की विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। इस निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीमें राज्यभर में सक्रिय हो गई हैं और दुकानों की जांच तेज होने की संभावना है।

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