Wednesday, July 9, 2025

Related Posts

झारखंड शराब घोटाला: ACB ने छत्तीसगढ़ के दो कारोबारियों को किया गिरफ्तार, अब तक 10 गिरफ्तारियां

रांची: राज्य के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। इसी क्रम में ACB ने छत्तीसगढ़ की शराब आपूर्ति कंपनी श्री ओम साईं बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों – अतुल कुमार सिंह और मुकेश मनचंदा को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को रांची बुलाए गए दोनों कारोबारियों से घंटों पूछताछ के बाद देर शाम एसीबी ने उन्हें हिरासत में ले लिया। आज यानी मंगलवार को दोनों को रांची स्थित ACB की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।

इन गिरफ्तारियों के साथ अब तक इस घोटाले में कुल 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पहले गिरफ्तार किए गए आरोपियों में झारखंड उत्पाद विभाग के कई पूर्व अधिकारी और निजी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हैं, जिनमें पूर्व प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, पूर्व महाप्रबंधक (वित्त) सुधीर कुमार दास, अभियंता सुधीर कुमार, मार्श प्लेसमेंट एजेंसी के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह, पूर्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश, प्रिज्म होलोग्राफी के निदेशक विधु गुप्ता और छत्तीसगढ़ के शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया शामिल हैं।

प्लेसमेंट एजेंसियों और नीति में गड़बड़ी की भूमिका

झारखंड में वर्ष 2022 में लागू नई शराब नीति के तहत प्लेसमेंट एजेंसियों की संलिप्तता भी ACB के रडार पर है। जांच में यह बात सामने आई है कि कई एजेंसियों को फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर काम सौंपा गया था, जिससे सरकारी राजस्व को बड़ा नुकसान पहुंचा।

वहीं, छत्तीसगढ़ की शराब आपूर्ति प्रणाली को झारखंड में बिना पर्याप्त निगरानी के अपनाया गया, जिससे घोटाले को बढ़ावा मिला। प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी द्वारा होलोग्राम आपूर्ति में भी अनियमितताएं पाई गई हैं, जहां लगभग ₹68 करोड़ की आपूर्ति 35 पैसे प्रति होलोग्राम के दर से की गई।

जांच का दायरा बढ़ा, कई फरार आरोपी ACB के रडार पर

सूत्रों के अनुसार अब तक ACB ने सात से आठ और आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी करवा लिया है। इनमें से कुछ आरोपी फरार हैं और ACB उनकी तलाश में सक्रिय है।

इसी बीच एकमात्र राहत नेक्सीजन ऑटोमोबाइल्स के संचालक विनय कुमार सिंह को मिली है, जिन्हें अग्रिम जमानत प्रदान की गई है। यह बताया जा रहा है कि वे निलंबित IAS अधिकारी विनय चौबे के करीबी माने जाते हैं।

घोटाले का आकार बढ़ सकता है ₹200 करोड़ तक

प्रारंभिक जांच में शराब घोटाले का आंकड़ा ₹38 करोड़ आंका गया था, लेकिन जैसे-जैसे जांच गहराई में जा रही है, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि घोटाले की कुल राशि ₹200 करोड़ तक पहुंच सकती है। इसमें थोक और खुदरा शराब कारोबार से लेकर होलोग्राम आपूर्ति और सुरक्षा एजेंसियों तक की संदिग्ध भूमिका की जांच जारी है।

ACB की छवि में बड़ा बदलाव

इस कार्रवाई के साथ ACB ने अपनी कार्यशैली पर उठते सवालों को काफी हद तक शांत कर दिया है। लंबे समय से ACB की छवि महज छोटे रिश्वत मामलों की जांच एजेंसी के रूप में बनती जा रही थी, लेकिन इस व्यापक और संगठित घोटाले को उजागर कर ACB ने एक बड़ी सफलता हासिल की है।

जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों के उत्पाद विभागों, निजी कंपनियों और प्लेसमेंट एजेंसियों के बीच की कड़ी खुलती जा रही है। आने वाले दिनों में इस घोटाले में और भी बड़े नामों के सामने आने की संभावना है।