पिता पुत्र पांच बार मुख्यमंत्री रहें, बावजूद इसके नहीं बदली झारखंड की तस्वीर

Dhanbad-पिता पुत्र पांच बार मुख्यमंत्री रहें- आदिवासी सेंगेल अभियान के माध्यम से आदिवासी मूलवासियों के बीच सशक्तीकरण और जागरुकता अभियान चलाने वाले सालखलन मुर्मु ने 1932 का खतियान पर स्थानीयता नीति को लेकर सोरेन परिवार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि पिता पुत्र 5 बार झारखंड में मुख्यमंत्री रह चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके आदिवासी मूलवासियों का कल्याण नहीं हुआ. सोरेन परिवार आदिवासी के नाम पर आदिवासी मूलवासियों से वोट हासिल कर सब से ज्यादा उसी को लूटता है. इसी परिवार के द्वारा सीएनटी और एसपीटी का उल्लघंन पर पूरे झारखंड में जमीन की लूट की गयी है.

सोरेन परिवार पर जोरदार हमला

सीएनटी-एसपीटी एक्ट तोड़ने का मामला हो या कुर्मी को आदिवासी का दर्जा देने का मामला

अथवा न्यूज़ आवंटन मामला सभी मामलों में आदिवासियों के साथ नाइंसाफी किया गया है.

1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर

उन्होंने कहा कि सीएम हेमंत ने बहुत ही चालाकी से झारखंडियों को बेवकूफ बना दिया है.

स्थानीयता का आधार किसी भी राज्य में खतियान नहीं है और यहां पर वह खतियान आधारित स्थानीय नीति देकर झारखंड वासियों को बेवकूफ बना रहे हैं. हेमंत सोरने को भी यह पत्ता है कि यह कोर्ट में टिकने नहीं जा रहा. इससे आदिवासियों का कोई भला नहीं होने वाला.

रिपोर्ट- राजकुमार

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